जीरो मील थाना के बहादुरपुर रेलवे लाइन के पास 25 साल के एक लड़के की लाश मिली थी। उसके सिर पर गहरा जख्म था। लाश की शिनाख्त नहीं हो सकी है। एनएच 31 पर स्थित नवगछिया के लगदाहा इलाके में केले के खेत में बलात्कार कर युवती की गला रेत कर हत्या कर दी गई। शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है और न ही कोई पकड़ में आया है। झारखंड साहेबगंज के वाशिंदे गैनु रजक की भागलपुर के पीरपैंती में गला घोट कर हत्या कर दी गई है। पुलिस खोजबीन कर रही है। बदमाशों ने बिहपुर के सोनवर्षा गांव में मंचन कुंवर को गोली मार जख्मी कर दिया। इसका इलाज भागलपुर जेएनएल मेडिकल कालेज अस्पताल में चल रहा है।

इसमें आरोपी शातिर चंदन कुंवर है और उसकी कई मामलों में पुलिस को तलाश है। बांका के बौसी बाजार के व्यापारी दिलीप पंजियार की बाइक पर सवार बदमाशों ने गोली मार कर जान ले ली। वह अपनी दुकान बंद कर अपने घर झरना गांव लौट रहा था। जगदीशपुर के सलेमपुर गांव में कारु अंसारी (55) की गोली मार कर हत्या कर दी गई है। हत्या का आरोप उसकी दूसरी पत्नी के पति खुर्शीद अंसारी और उसके बेटे पर लगा है। पुलिस ने भी रपट लिखी है। जगदीशपुर थाना गोविंदपुर नवटोलिया गांव में बड़े भाई और उसके बेटे ने अपने छोटे भाई को जमीन के झगड़े में पीट-पीट कर मार डाला। श्याम सुंदर दास और सुभाष सगे भाई थे। पुलिस ने श्याम और उसके बेटे सौरभ के खिलाफ रपट लिखी है।

लुटेरे व नशाखुरानी गिरोह सक्रिय -विक्रमशिला पुल के करीब नो एन्ट्री में खड़े ट्रकों को लूटा गया। लुटेरों ने करीबन एक लाख रुपए लूटे और ट्रक चालक दीपक को छुरा मार जख्मी कर दिया। लूट के शिकार चालक फ़िरदौसएमौनु सिंह और सोनू कुमार भी हुए। नवगछिया स्टेशन पर नशाखुरानी गिरोह का शिकार आरुप राहा को ट्रेन से बेहोशी हालात में उतार गया। उसका इलाज कराया गया। वह महानंदा एक्सप्रेस से दिल्ली जा रहा था। नशाखुरानी गिरोह उसके कपड़े तक उतार ले भागे। भागलपुर शहर के कोतवाली इलाके के उल्टा पुल के नीचे प्रवेश राम को गोली मार पांच हजार रुपए छीन लिए गए। इसी रोज अजंता सिनेमा के नजदीक रिक्शे पर सवार अस्पताल की नर्स मंजू देवी की पर्स झपटमार बाइक सवार ले उड़े। मंजू देवी के अनुसार पर्स में 70 हजार रुपए थे। नाथनगर से तकादा वसूल कर बाइक से लौट रहे जेएस ट्रेडर्स के कमर्चारी से 90 हजार रुपए नगद लूट लिए। इस घटना को अंजाम दो बाइक पर सवार चार जनों ने संस्कृत कालेज के नजदीक शाम को दिया। अलबत्ता ये सभी वाकए 10 रोज के हैं। छुटपुट वारदातें तो और भी हैं।

पूर्व उम्मीदवारों व उनके परिजनों की हत्याएं

3 जुलाई : बिहपुर के बबनगांव में हारो चंदा देवी मुखिया का चुनाव लड़ी थीं। हारो चंदा देवी के पति कामदेव मोदी की लाश गांव के ही वीरेंद्र चौधरी के तीन मंजिले मकान की खिड़की से लटकी मिली। उसी की लूंगी को ही उसके गले का फंदा बनाया हुआ था। कामदेव वीरेंद्र के घर कैसे गया और किसने उसको लटका कर जान ली। यह रहस्य की बात है। पुलिस तफ्तीश में जुटी है।

2 जुलाई : गंगापार रंगरा ब्लॉक की प्रमख बनी शीला देवी के विजय जुलूस पर चापर गांव में ताबड़तोड़ गोलियां और पत्थरों से जानलेवा हमला किया गया। प्रमुख और उसके पति अरविंद यादव को तो भाग कर थाना में शरण लेनी पड़ी। गनीमत है कि कोई जख्मी नहीं हुआ। सूचना मिलने के बाद आला अफसर भी मौके पर पहुंचे। इसमें मोती यादव गिरोह का हाथ बताया जा रहा है। जीत की खुशी में प्रमुख शीला देवी जुलूस की शक्ल में चापर गांव के मंदिर में 51 मन लड्डू का प्रसाद चढ़ाने जा रही थीं। हमलावरों ने सब तहस नहस कर दिया।
30 जून : बांका जिले के भादरिया पंचायत के पूर्व मुखिया राजीव भगत की बदमाशों ने कनपट्टी पर गोली मार कर हत्या कर दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पंचायत चुनाव में राजीव की भाभी शारदा देवी का जीत हासिल करना इसकी मौत का कारण बना। इलाके में राजीव भगत काफी लोकप्रिय था। पुलिस भगत की हत्या की वजह तलाश रही है।

28 जून : ममलखा पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़े रामकुमार मंडल की दोपहर में गोली मार कर हत्या कर दी गई। वह एसडीओ कोर्ट से अपने भतीजे सोनू के साथ मोटर साइकिल से अपने घर लौट रहा था कि घर से 100 गज पहले ही अपराधियों ने गोली मार दी। इसमें दियारा का आतंक टैरा मंडल का नाम आया है। पुलिस ने भी इसी के खिलाफ नामजद रपट लिखी है। और यह अब तक गिरफ्त से बाहर है। बताते हैं कि टैरा मंडल की मां किम देवी भी मुखिया का चुनाव लड़ी थीं और हार गई थीं। राजकुमार भी चुनाव हारा था। मगर टैरा के दिमाग में यह बैठ गई कि उसकी मां राजकुमार की वजह से ही हारी हैं। इसी रंजिश में उसकी जान गई। अब उसके परिवार के लोग भी डरे हैं।

गिरधारी लाल जोशी
भागलपुर डिवीजन में बीते 10 दिनों में 10 हत्याएं और तकरीबन आधा दर्जन लूट की वारदातें हुई हैं। मसलन अपराधी बेलगाम है। वाकए के बाद पुलिस लाठी पिटती रह जाती है। मगर एक बात तो साफ है कि पंचायत चुनाव के बाद पुलिस सुस्त पड़ गई है। तभी चुनाव में शिकस्त खा चुके अपराधी मिजाज के लोगों को बदला लेने का मौका मिल गया है। गांव देहातों से इन दिनों आपस में गोलीबारी की खबरें मिलती रहती हैं। जाहिर है कि पंचायत चुनाव हारने और जीतने या जिनकी वजह से हार हुई उन सभी के घरों में मातमी सन्नाटा पसार रहा है। पुलिस सिर्फ एफआइआर लिखने के सिवा कुछ नहीं कर पा रही है। इस हालत की पुष्टि करती हैं पिछले 10 दिनों में यहां हुई वारदात।