असहिष्‍णुता के खिलाफ देशभर में चल रहे अवॉर्ड वापसी अभियान पर राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को बेहद अहम बात कही। नेशनल प्रेस डे के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्‍होंने कहा, ‘अवॉर्ड प्रतिभा और मेहनत का सम्‍मान करने के लिए दिए जाते हैं, इसलिए हमें इनका मान रखना चाहिए।’ प्रणब मुखर्जी ने कहा, ‘संवेदनशील लोग कभी-कभी समाज में होने वाली कुछ घटनाओं को लेकर परेशान हो जाते हैं, लेकिन यह सही नहीं है। इन घटनाओं पर चिंता जाहिर करने का तरीका संतुलित होना चाहिए। हमें जज्‍बाती होने की जगह खुलकर बहस करनी चाहिए।’ राष्‍ट्रपति ने कहा कि हर देशवासी को संविधान पर भरोसा होना चाहिए और भारतीय होने पर गर्व भी। इतिहास गवाह है, जब-जब मौके आए हैं भारत ने अपनी गलतियों में खुद ही सुधार किया है।

नेशनल प्रेस डे के मौके पर राष्‍ट्रपति ने ‘फ्रीडम ऑफ प्रेस’ के बारे में भी बात की। उन्‍होंने कहा, ‘अभिव्‍यक्त्‍िा की स्‍वतंत्रता की गारंटी हमें संविधान देता है और यह हमारा मूलभूत अधिकार है। इस अधिकार की रक्षा करना हमारी जिम्‍मेदारी है। लोकतंत्र में समय-समय पर चुनौतियां आती रहती हैं, लेकिन सबको मिलकर इनका सामना करना चाहिए।’