आंध्र प्रदेश में नव निर्वाचित विधायक कोटमरेड्डी श्रीधर रेड्डी ने विधानसभा में विधायक के रूप में ईश्वर के नाम की बजाय मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के नाम पर शपथ ली। इस पर प्रोटेम स्पीकर संबांगी अप्पाला ने विधायक को टोका। इसके बाद उन्होंने ईश्वर के नाम पर शपथ ली।
श्रीधर रेड्डी इस बार नेल्लोर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं। विधायक की तरफ से सीएम के नाम पर शपथ लेना अपने नेता के प्रति वफादारी व्यक्त करने का कदम माना जा रहा है। विधायक रेड्डी ने साफ रूप से कहा कि उसके लिए मुख्यमंत्री भगवान के समान हैं।
जगन मोहन रेड्डी के नाम पर शपथ लिए जाने का कारण पूछे जाने पर कोटमरेड्डी श्रीधर रेड्डी ने कहा कि वह भावनाओं में बह गए थे। इसलिए उन्होंने नियमों से हटकर मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली। रेड्डी ने कहा कि वह गरीब परिवार से हैं। उनके परिवार का कोई वित्तीय या राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है।
एनटीआर के नाम पर शपथ ले चुके हैं विधायकः रेड्डी ने दावा किया कि पहले भी विधायक एनटी रामाराव के नाम पर शपथ ले चुके हैं। रेड्डी ने कहा कि विधायकों को ऐसा करने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा कि मेरी पद पाने की कोई इच्छा नहीं है। मैंने पद के लिए ऐसा नहीं किया है। मैं पिछले पांच साल विधायक रहने के दौरान अपना वेतन गरीब बच्चों के दान कर दिया था। विधायक ने कहा कि जगन मोहन रेड्डी ने मुझे दो बार विधायक बनाया है।
भगवान मानने में गलत क्या हैः कोटमरेड्डी श्रीधर रेड्डी ने सवाल उठाया, ‘यदि मैं अपने नेता को भगवान मानता हूं तो इसमें क्या गलत है?’ मालूम हो कि संविधान के अनुच्छेद 188 के नियमों के तहत ही विधायक शपथ लेते हैं। इसके अनुसार विधायक या तो ईश्वर के नाम पर या फिर संविधान की शपथ लेते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जनवरी 2017 में भारतीय शपथ कानून के तहत एक तीसरा विकल्प दिए जाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था।