यहां के मैलारादेवापल्ली क्षेत्र में एक मिष्ठान बनाने वाले कारखाने से मजदूर के तौर पर काम कर रही 31 लड़कियों और 17 लड़कों समेत 48 बाल मजदूरों को राज्य के बाल अधिकार संरक्षण आयोग और सीआइडी के संयुक्त अभियान में बचाया गया। बुधवार को एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।

सीआइडी इंस्पेक्टर चंद्र मोहन ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह जानकारी मिली थी कि बच्चे फैक्टरी में बाल मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं, जिसके बाद कारखाने में जांच अभियान चलाया गया और वहां से 15 से 18 वर्ष के 48 किशोर-किशोरियों को मुक्त कराया गया। मुक्त कराए गए बच्चों को बाद में बचाव गृह भेज दिया गया।

उन्होंने बताया कि मैलारादेवापल्ली पुलिस ने उस फैक्टरी के संचालक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धारा और बाल न्याय अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने आगे कहा कि बच्चे वहां काफी खतरनाक स्थिति में काम कर रहे थे।
सीआइडी इंस्पेक्टर ने कहा, ‘हमलोगों ने विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर कारखाने में यह जांच अभियान चलाया जहां पर हमें मजदूरी कर रहे बच्चे मिले और फिर हमलोगों ने उन सबको वहां से निकाला।’ उन्होंने यह भी कहा कि कारखाने से जिन 31 लड़कियों और 17 लड़कों को छुड़ाया गया वे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और इस शहर के ही कुछ क्षेत्रों से आए हुए थे।