भारत की सबसे चर्चित 105 वर्षीय धावक मान कौर का शनिवार को निधन हो गया है। आज करीब दोपहर एक बजे उन्होंने मोहाली के डेराबस्सी में अंतिम सांस ली। उनके बेटे गुरदेव सिंह ने न्यूज एजेंसी भाषा से बात करते हुए कहा, ‘‘उन्हें दिल का दौरा पड़ा। वह ठीक थी लेकिन हमें नहीं पता कि अचानक क्या हुआ।’’
जानकारी के मुताबिक मान कौर लंबे समय से गॉल ब्लेडर कैंसर से जूझ रही थीं। शनिवार को अचानक उनका ह्रदयगति रुक जाने से निधन हो गया। उनका पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य सही नहीं चल रहा था। उन्हें मोहाली के डेराबस्सी में आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मान कौर का जन्म एक मार्च 1916 को हुआ था और उन्हें ‘चंडीगढ़ की चमत्कारिक मां’ के रूप में जाना जाता था। उन्होंने 93 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया था।
उन्होंने अपना पहला पदक 2007 में चंडीगढ़ मास्टर्स एथलेटिक्स मीट में जीता था। उन्होंने अपने सबसे बड़े बेटे गुरदेव को पटियाला में दौड़ में भाग लेते हुए देखा जिसके बाद उन्हें प्रेरणा मिली थी।
वह 2017 में आकलैंड में विश्व मास्टर्स खेलों की 100 मीटर फर्राटा दौड़ जीतकर चर्चा में आयी थी। उनके नाम पर कई विश्व रिकॉर्ड भी हैं। उन्होंने पोलैंड में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते थे।
राष्ट्रपति ने दिया नारी शक्ति पुरस्कार
गौरतलब है कि मान कौर की उपलब्ध्यिों को देखते हुए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से समानित किया था। राष्ट्रपति भवन में सम्मान लेने के लिए वह जिस फुर्ती से स्टेज पर पहुंचीं थी, उसे देखकर वहां मौजूद राष्ट्रपति और पीएम दोनों प्रभावित हुए।
पीएम मोदी ने लिया था आशीर्वाद
मान कौर सिर्फ देश ही नहीं पूरी दुनिया के लिए फिटनेश आइकन हैं। उनकी फिटनेस के कायल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रहे हैं। एक बार प्रधानमंत्री आवास पर मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी उनके आगे दोनों हाथ जोड़कर खड़े हो गए और उन्होंने धावक मान कौर से आशीर्वाद लिया था।
(भाषा इनपुट के साथ)
