एनआईए की जांच का सामना कर रही इस्लामिक धर्मगुरू जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के खिलाफ एक नया मामला सामने आया है। जाकिर की संस्था पर आरोप है कि आईएसआईएस की संदिग्ध अबू अनस को इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) से स्कॉलरशिप दी थी। उस पर आरोप है कि वह आईएसआईएस की तरफ से लड़ने के लिए सीरिया जाने की योजना बना रहा था। अबू अनस के आईएस की तरफ झुकाव को लेकर जांच के दौरान एनआईए को इस तथ्य का पता चला है कि कि अबू अनस को साल 2015 में ही आईआरएफ की तरफ से 80 हजार रुपये बतौर स्कॉलरशिप दिए गए थे। इस साल जनवरी में एनआईए ने अनस को गणतंत्र दिवस से पहले आतंकवादी हमले की कथित साजिश रचने को लेकर गिरफ्तार किया था तब उसने हैदराबाद की एक कंपनी में इंजीनियर की नौकरी छोड़ दी थी। वह राजस्थान के टोंक का रहने वाला है। अनस अभी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

जाकिर नाइक पर आतंकवाद को प्रेरणा देने और कट्टरता फैलाने का आरोप है। नाइक की संस्था आईआरएफ को केंद्र सरकार पिछले हफ्ते ही पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर चुकी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने भी आईआरएफ के खिलाफ आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। एनआईए के आईजी आलोक मित्तल के मुताबिक मामला दर्ज करने के बाद से आईआरएफ से जुड़े 20 ठिकानों की तलाशी ली जा चुकी है, जहां से बड़े पैमाने पर डीवीडी, वीडियो टेप, जाकिर नाइक के भाषणों का कलेक्शन, संपत्ति, निवेश, देश-विदेश से मिले चंदे और वित्तीय लेनदेन से जुड़े कागज प्राप्त हुए हैं। प्राप्त हुए कागजों की छानबीन की जा रही है। जांच में ऐसी कई कंपनियों का भी पता चला है जो आईआरएफ से जुड़ी हुई हैं।