Waqf Amendment Bill 2024: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर देशभर में चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच एक राजनीतिक दल ने अपना स्टैंड बदल दिया है। इसके पीछे वजह यह है कि यह दल मुस्लिम समुदाय के बीच अपने आधार को मजबूत करना चाहता है। बताना होगा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर पिछले कुछ महीनों में सड़क से संसद तक लेकर जोरदार लड़ाई हो चुकी है। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए वक्फ कानून और वक्फ बोर्ड की बात कही थी। उसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी सरकार इस मामले में तेजी से आगे बढ़ सकती है।

विपक्षी दलों के साथ ही देश भर में कई मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक का खुलकर विरोध किया है। मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है।

वक्फ संशोधन विधेयक को केंद्र सरकार ने इस साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया था लेकिन तब विपक्षी दलों के द्वारा जोरदार विरोध किए जाने के बाद इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) के पास भेज दिया गया था।

Waqf Board: वक्फ विधेयक पर आगे बढ़ेगी मोदी सरकार, सड़क से संसद तक घमासान के आसार

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वक्फ बोर्ड को लेकर छिड़ेगी रार। (Source-PTI)

बहरहाल, स्टैंड बदलने वाले राजनीतिक दल का नाम वाईएसआर कांग्रेस पार्टी है। वाईएसआर कांग्रेस 5 साल तक आंध्र प्रदेश की सत्ता में रही थी लेकिन इस साल हुए विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस बुरी तरह चुनाव हार गई थी। 175 सीटों वाली विधानसभा में वाईएसआर कांग्रेस को सिर्फ 11 और 25 लोकसभा सीटों में से चार सीटें ही मिली थी।

चुनौती का सामना कर रही वाईएसआर कांग्रेस

आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस के सामने टीडीपी, पवन कल्याण की जनसेना और बीजेपी का मजबूत गठबंधन है। वाईएसआर कांग्रेस की कोशिश वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करके मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने की है। 2011 की जनगणना के मुताबिक आंध्र प्रदेश में मुस्लिम समुदाय की आबादी 9.56% है।

हैरानी की बात यह है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब यह विधेयक संसद में लाया गया था तब वाईएसआर कांग्रेस ने इसका विरोध नहीं किया था। वाईएसआर कांग्रेस के पास राज्यसभा में 11 सांसद हैं।

पहले थी खामोश, अब किया रूख में बदलाव

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर टीडीपी भी मुश्किल स्थिति में है। उसने विधेयक पर चुप्पी साधी हुई है जबकि हालात को देखते हुए वाईएसआर कांग्रेस ने स्टैंड तेजी से बदल दिया है। पहले वाईएसआर कांग्रेस इस विधेयक पर खामोश थी लेकिन विधानसभा और लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उसने पार्टी को जिंदा करने के लिए अपने रूख में बदलाव किया है।

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महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी की अगुवाई में महायुति को मिली बड़ी जीत। (Source-PTI)

वक्फ की जमीन मुस्लिम समुदाय की है: सांसद

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में वाईएसआर कांग्रेस के लोकसभा सांसद पीवी मिथुन रेड्डी ने कहा कि वक्फ विधेयक मुसलमानों को भरोसे में लिए बिना ही लाया जा रहा है। उन्होंने अपनी पार्टी का स्टैंड साफ करते हुए कहा कि वक्फ की जो भी जमीन है, वह मुस्लिम समुदाय की है और इसे जबरन नहीं लिया जा सकता। उन्होंने इस विधेयक को पूरी तरह एकतरफा बताया।

वाईएसआर कांग्रेस के सांसद ने बताया कि इस संबंध में बनाए गए संसदीय पैनल में भी पार्टी की ओर से आपत्ति दर्ज कराई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हम लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में विधेयक का विरोध करेंगे और इस मामले में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ खड़े हैं।

अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट करने पर जोर

वाईएसआर कांग्रेस के नेता का कहना है कि उनकी पार्टी धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों- ईसाईयों और मुस्लिमों के बीच अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है। पार्टी के एक नेता ने बताया कि जब टीडीपी खुलकर सांप्रदायिक स्टैंड ले रही है तो हमारी पार्टी के लिए बेहतर होगा कि हम पार्टी के लिए अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट करें।

आंध्र प्रदेश में हाल ही में हुए तिरुपति लडडू विवाद के दौरान टीडीपी ने वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी के ईसाई समुदाय के बैकग्राउंड का मुद्दा उठाया था और पवन कल्याण को सनातन धर्म के रक्षक के रूप में पेश किया था। इससे वाईएसआर कांग्रेस की चुनौती बढ़ गई है।

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क्या करेगी टीडीपी?

टीडीपी ने अभी तक वक्फ विधेयक को लेकर चुप्पी साधी हुई है लेकिन उसके नेताओं ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि टीडीपी की ओर से सरकार से मांग की गई थी कि इस विधेयक को संसदीय पैनल के पास भेज दिया जाए। वाईएसआर कांग्रेस के बदले रूख के बाद देखना होगा कि टीडीपी इस मुश्किल से बाहर कैसे निकलती है?

वक्फ विधेयक को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने क्या कहा है। क्लिक कर पढ़िए खबर।