इंडिगो फ्लाइट के ट्रेनी पायलट ने तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर जातिवाद का आरोप लगाया है। पायलट ने कहा कि उन्होंने उससे कहा कि वह विमान उड़ाने के लिए फिट नहीं है और इसके बजाय उसे जूते सिलने चाहिए। ये पायलट एससी कैटेगरी से ताल्लुक रखता है। इस मामले पर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। इंडिगो के अधिकारियों तपस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने सबसे पहले बेंगलुरु में पुलिस से संपर्क किया। वहां पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की। यह एफआईआर अब गुरुग्राम भेज दी गई है, जहां इंडिगो का हेडक्वार्टर है। बता दें कि जीरो एफआईआर को कहीं पर भी दर्ज किया जा सकता है, चाहे अपराध कहीं पर भी हुआ हो।
पायलट ने अपनी शिकायत में क्या-क्या आरोप लगाए?
ट्रेनी पायलट ने अपनी शिकायत में 28 अप्रैल को इंडिगो के गुरुग्राम ऑफिस में हुई मीटिंग का हवाला दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि 30 मिनट की मीटिंग के दौरान तीनों अफसरों ने जातिवादी गालियां दीं। इतना ही नहीं उन्होंने कहा, ‘तुम विमान उड़ाने के लायक नहीं हो, वापस जाओ और चप्पल सिलवाओ। तुम यहां चौकीदार बनने के भी लायक नहीं हो।’ ट्रेनी पायलट ने कहा है कि उत्पीड़न का उद्देश्य उसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर करना था। उन्होंने कहा कि अपमानजनक टिप्पणी का उद्देश्य एससी कैटेगरी के व्यक्ति के रूप में उसकी पहचान को कम करना था।
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इसके अलावा पायलट ने यह भी आरोप लगाया कि प्रोफेशनल उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। उसकी बेवजह वेतन कटौती की गई, रिट्रेनिंग सेशन्स के लिए मजबूर किया गया और बिना वजह के वॉर्निंग लेटर्स जारी किए गए। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि इस मामले को बड़े अधिकारियों के सामने भी उठाया, लेकिन कोई भी कार्रवाई ना होने की वजह से पुलिस में शिकायत देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इंडिगो ने आरोपों को खारिज किया
इंडिगो ने आरोपों को खारिज कर दिया है। एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा, ‘इंडिगो किसी भी तरह के भेदभाव, उत्पीड़न या पक्षपात के प्रति जीरो-टॉलरेंस की पॉलिसी पर कायम है और एक समावेशी और सम्मानजनक वर्कप्लेस होने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। इंडिगो इन निराधार दावों का दृढ़ता से खंडन करता है और निष्पक्षता, अखंडता और जवाबदेही के अपने मूल्यों पर कायम है और आवश्यकतानुसार कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अपना समर्थन देगा।’ एअर इंडिया को विरासत में मिला कंपनी के संचालन का पुराना ढंग-ढर्रा