उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में मुगलों की विशेष उपलब्धियों को प्रर्दिशत करने वाले ‘मुगल म्यूजियम’ (मुगल संग्रहालय) का नाम बदल कर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखने का आदेश दिया है। इसे लेकर न्यूज़ चैनल ‘आज तक’ के दंगल शो में ज़ोर दार डिबेट देखने को मिली।

यूपी के सीएम ने नाम बदलते हुए कहा कि गुलामी की मानसिकता के प्रतीकों की कोई जगह नहीं है। योगी सरकार के इस फैसले से फिर मुगलकालीन इतिहास पर बहस छिड़ गई है। टीवी डिबेट के दौरान वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने योगी के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे तो सबसे पहले ताज महल तोड़ो, लाल किला तोड़ो, पार्लियामेंट भी अंग्रेज़ो ने बनाई है उसे भी तोड़ दो, हुमायूँ के मकबरे को भी गिरा देना चाहिए, ये सब गुलामी के प्रतीक हैं।

आशुतोष ने कहा कि महाभारत का फ़ारसी में अनुवाद अकबर के समय में हुआ था। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा “अकबर रोज सुबह उठते थे। उठने के बाद वे अपने किले की सबसे ऊंची जगह पर जाते थे और वहां से सूरज को पानी का अर्घ्य देते थे।” इसपर एंकर रोहित सरदाना ने वरिष्ठ पत्रकार से कहा “मुझे नहीं पता आशुतोष जी आप उस वक़्त वहां कैमरा लेकर रिपोर्टिंग कर रहे थे। मुझे नहीं पता मैंने नहीं देखा आपको उस वक़्त रिपोर्टिंग करते हुए कि अकबर सूर्य को पानी दे रहे हैं और आप कैमरे से इसे टीवी में लाइव दिखा रहे हैं।”

म्यूजियम का नाम बदलते हुए योगी ने दावा किया कि उनकी सरकार हमेशा राष्ट्रवादी विचारधारा को पोषित करती है और और ऐसी किसी भी चीज से परहेज किया जाएगा जिससे गुलामी की बू आती हो। उन्होंने जोर देते हुए कहा ‘मुगल हमारे नायक कैसे हो सकते हैं।’ छत्रपति शिवाजी का नाम राष्ट्रवाद और आत्मसम्मान की भावना का संचार करेगा।

बता दें ताजमहल के पूर्वी गेट के नजदीक बन रहे मुगल संग्रहालय में मुगलों के दौर में हासिल की गई राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों को कलाकृतियों के माध्यम से प्रर्दिशत किया जाएगा।