योग भारत की प्राचीनतम विधा है। हाल के दिनों में योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब पसंद किया जा रहा है। भारत सरकार की पहल पर पूरी दुनिया 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मना चुकी है। अब इसे संयुक्त राष्ट्र की अनुषंगी इकाई यूनेस्को ने सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल कर लिया है। गुरुवार को यह सफलता मिली। संयुक्त राष्ट्र के शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन यूनेस्को की इस सूची में योग के शामिल होने का ऐेलान संगठन में भारत की प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने आज (गुरुवार को) किया।
अदीस अबाबा में यूनेस्को की इंटरगवर्नमेंटल कमिटी की मीटिंग में यह फैसला लिया गया। बैठक में तुर्की, क्यूबा, अफगानिस्तान,कोरिया और फिलिस्तीन समेत सभी 24 सदस्यों ने योग को सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल करने पर अपनी सहमति दी। सूची में शामिल होने की घोषणा होने के बाद केन्द्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की। भारत की ओर से इसे सूची में शामिल कराने के लिए डॉजियर भेजा गया था।
यूनेस्को के मुताबिक अमूर्त सांस्कृतिक धरोहरों के दायरे में मौखिक परंपराओं और अभिव्यक्तियों, प्रदर्शन कला, सामाजिक रीति-रिवाज, उत्सव, ज्ञान आदि को रखा जाता है। चूंकि योग को खेल की विधा माना जाता था, इसलिए इसे इस लिस्ट में शामिल होने का मौका नहीं मिला था।
यूनेस्को की धरोहर सूची में योग को शामिल किए जाने पर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भी खुशी जताई है। उन्होंने भी ट्वीट कर इस खुशी को साझा किया है।
…Today, with UNESCO's inscription #Yoga becomes a "Human Treasure"#India pic.twitter.com/WSy1ccsDLO
— Ruchira Kamboj (@ruchirakamboj) December 1, 2016
Huge achievement for India. #YOGA as an element has been inscribed in the @UNESCO list of Intangible #CulturalHeritage of the World. 1/2 pic.twitter.com/Pil95q1DOR
— Dr. Mahesh Sharma (मोदी का परिवार) (@dr_maheshsharma) December 1, 2016
Pleased to know that Yoga has been inscribed by @UNESCO as world heritage! Congratulations to @RuchiraKamboj,our Ambassador at UNESCO.
— Gurudev Sri Sri Ravi Shankar (@SriSri) December 1, 2016