भारत और चीन के बीच बढ़ते विवाद को लेकर योग गुरु बाबा रामदेव ने चीन पर निशाना साधा है। बाबा रामदेव का कहना है कि जो जैसा करता है उसे वैसी ही भाषा में समझाना चाहिए। एएनआई से बातचीत के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि हमें टिट फॉर टेट की नीति अपनानी चाहिए। हम योग की भाषा में बात करते हैं लेकिन जब कोई यह नहीं समझ पाता है तो ऐसे लोगों को युद्ध की भाषा में जवाब देना जरूरी है। इसके बाद बाबा रामदेव ने कहा कि चीन शांति बनाए रखने पर यकीन नहीं करता है। अगर चीन ने शांति बनाए रखने पर विश्वास किया होता तो आज दलाई लामा यहां नहीं होते।
16 जून को भारत और चीन के बीच तब विवाद शुरू हुआ जब चीनी सैनिक भूटान के डोकलाम इलाके में सड़क बनाने की कोशिश कर रहे थे। भारतीय सैनिकों ने चीनियों को सड़क निर्माण से रोका। चीन इस इलाके में 40 टन वजन वाले भारी सैन्य वाहनों के आवाजाही लायक सड़क बनाना चाहता है। भारतीय सैनिकों द्वारा रोके जाने के बाद से ही दोनों देशों के सैनिक मौके पर आमने-सामने हैं। भारत की सुरक्षा के लिए डोकलाम का इलाका काफी संवेदनशील है।
China doesn’t believe in peace. Had they done that Dalai Lama wouldn’t have been here: Baba Ramdev pic.twitter.com/eGPAxccQEO
— ANI (@ANI) August 13, 2017
भारत का कहना है कि डोकलाम उसके पड़ोसी देश भूटान का है।चीन सिक्किम सेक्टर में भारत, चीन और भूटान की तिहरी सीमा से लगे डोकलाम पर अपना अधिकार जताता रहा है और वह इसे डोंगलांग कहता है। वहीं भारत और भूटान डोकलाम को थिंपू का हिस्सा बताते रहे हैं और भारत ने डोकलाम से दोनों देशों की सेनाएं एकसाथ वापस बुलाने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि बीजिंग ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। फिलहाल दोनों देशों के बीच बयानबाजी का सिलसिला चालू है। एक तरफ तो चीन कहता है कि भारत के सैनिक उनकी सीमा पार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी भारत भी चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा में घुसने की बात कहता रहता है।