प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को येस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के मुंबई स्थित आवास पर छापा मारा। बैंक के संस्थापक कपूर के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ईडी की टीम मुंबई के समुद्र महल टॉवर स्थित कपूर के घर पहुंची। कपूर तथा अन्य के खिलाफ धनशोधन के मामले की जांच चल रही है और छापे की कार्रवाई इसी सिलसिले में की गई। शनिवार को राणा कपूर को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर लाया गया है। इससे पहले ईडी की टीम ने कपूर से उनके आवास पर भी पूछताछ की थी।

अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की गई है तथा इसका उद्देश्य और सबूत जुटाना है। अधिकारियों ने बताया कि ईडी की टीम कपूर से उनके घर पर पूछताछ भी कर रही है।

एजेंसी एक कॉर्पोरेट कंपनी को कर्ज देने में राणा की भूमिका की जांच कर रही है। आरोप है कि कर्ज के बदले में कपूर की पत्नी के खातों में कथित तौर पर रिश्वत की रकम भेजी गई थी। एजेंसी अन्य कथित अनियमितताओं की भी जांच कर रही है। कपूर और यस बैंक के अन्य पूर्व निदेशकों के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है ताकि उन्हें देश छोड़ने से रोका जा सके।

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने बैंक के हालात देखते हुए खाताधारकों को 50 हजार रुपए तक ही निकालने की इजाजत दी है। साथ ही बैंक के बोर्ड का कंट्रोल 30 दिन के लिए अपने हाथ में ले लिया है। वित्त मंत्रालय द्वारा गुरुवार शाम को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार ये पाबंदी 5 मार्च से शुरू हुई है जो 3 अप्रैल तक जारी रहेगी। ईडी परिजनों के दो बड़े ग्रुप को 600 करोड़ लोन देने के दस्तावेजों को ढूंढ़ रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गाय है कि राणा कपूर ने लोन देने और उसे वसूल करने की प्रक्रिया अपने हिसाब से तय की थी। उन्होंने अपने निजी संबंधों के आधार पर लोगों को लोन दिए। यस बैंक ने अनिल अंबानी ग्रुप, आईएलएंडएफएस, सीजी पावर, एस्सार पावर, रेडियस डिवेलपर्स और मंत्री ग्रुप जैसे कारोबारी घरानों को लोन दिया है। इन कारोबारी समूहों के डिफॉल्टर साबित होने से बैंक को करारा झटका लगा। 2017 में बैंक ने 6,355 करोड़ रुपए की रकम को बैड लोन में डाल दिया था। जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर लगाम कसना शुरू कर दिया था।