पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से अपनी पहली मुलाकात के अनुभव साझा किए हैं। एनडीटीवी.कॉम के लिए लिखे ब्लॉग में सिन्हा ने कहा है कि जब वो पहली बार अटल जी से मिलने उनके रायसीना स्थित आवास पर गए थे तब अटलजी वहां नहीं थे, जबकि उन्होंने पहले ही फोन पर बात कर मिलने का समय दिया था। अटल जी के इस कदम से पूर्व केंद्रीय मंत्री को तब बहुत दुख पहुंचा था। उन्होंने लिखा है कि यह वाकया उस वक्त का है जब उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की थी। बतौर यशवंत सिन्हा बीजेपी ज्वाइन करने के बाद वो लालकृष्ण आडवाणी के संपर्क में थे क्योंकि वो पार्टी के अध्यक्ष थे। इसके बाद उन्हें लगा कि पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से संपर्क बढ़ाया जाना चाहिए। इसके बाद सिन्हा ने अटल जी से फोन पर बातचीत की और मिलने का समय मांगा था लेकिन जब निर्धारित तिथि और वक्त पर पहुंचे तो वहां अटलजी नहीं थे। हालांकि, बाद में वह अटल जी के विश्‍वासपात्र नेताओं में से एक बने।

बता दें कि यशवंत सिन्हा भाजपा के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद हैं। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वो वित्त मंत्री (1998-2002) और विदेश मंत्री (2002-2004) रह चुके हैं। 1996 में 13 दिनों की सरकार में सिन्हा अटल कैबिनेट में शामिल नहीं थे क्योंकि उस वक्त वो संसद के सदस्य नहीं थे। 1998 में उन्होंने हजारीबाग से चुनाव जीता, इसके बाद वाजपेयी जी ने उन्हें कैबिनेट में शामिल करते हुए उन्हें वित्त मंत्री बनाया था। यशवंत सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस को लिए लेख में बताया है कि उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि वो वित्त मंत्री बनाए जाएंगे। उन्होंने लिखा है कि उन्हें यह आश्वासन मिला था कि वो केंद्रीय मंत्री बनेंगे और कॉमर्स मिनिस्ट्री का सपना सिन्हा देख रहे थे लेकिन जब विभागों का बंटवारा हुआ तो यशवंत सिन्हा को बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी।

यशवंत सिन्हा ने 1998 में पहले बजट की तैयारियों के बारे में लिखा है कि जब वो इस बावत चर्चा करने पीएम वाजपेयी से मिलने गए थे तब उन्होंने किसानों का विशेष तौर पर बजट में ख्याल रखने का निर्देश दिया था। बतौर यशवंत सिन्हा जब बजट प्रस्ताव पर चर्चा के लिए उनसे मिले और किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की योजना के बारे में उन्हें बताया तो वो खुश हो उठे थे। बतौर सिन्हा उनकी शुरू की गई इस योजना का आज करीब 12 करोड़ किसान फायदा उठा रहे हैं। सिन्हा ने लिखा है कि वाजपेयी से आधारभूत विकास के लिए भी समर्पित थे। इसी वजह से अगले बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लागू किया गया था।