जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन से दुनियाभर में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा हो रही है। शिखर सम्मेलन में आए सभी देशों के नेता उनसे मिले और उनके साथ तस्वीरें लीं। कई नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर इस सफलता को स्वीकारा। नेताओं ने नई दिल्ली घोषणापत्र पर आम सहमति बनने को ऐतिहासिक घटना बताया। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी रविवार को कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रमुख मतभेदों को दूर करते हुए सदस्य देशों के ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ को अपनाया जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए एक अप्रत्याशित सफलता है।
मोदी के नेतृत्व में सफल आयोजन पर जताई खुशी
सम्मेलन में पहुंची विश्व व्यापार संगठन (WTO) की महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो इवेला (Ngozi Okonjo-Iweala) तो पीएम के नेतृत्व में सम्मेलन के सफल आयोजन पर बेहद खुशी जताई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर लिखी किताब ‘मोदी@2.0: ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ (MODI@20: Dreams Meet Delivery) को उनसे लिया और उस पर उनका ऑटोग्राफ मांगा। प्रधानमंत्री ने उनकी मांग को पूरी करते हुए उन्हें फौरन ऑटोग्राफ दिया।
सऊदी अरब के युवराज ने भी की पीएम से मुलाकात
उधर, जी20 शिखर सम्मेलन में पहुंचे सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल-सऊद ने सोमवार को अलग से पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर व्यापक बातचीत की। इस बातचीत के दौरान द्विपक्षीय व्यापार और रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
जी20 शिखर सम्मेलन की समाप्ति के बाद बिन सलमान इस समय भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। वार्ता से पहले सऊदी अरब के युवराज का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं भारत आकर बहुत खुश हूं। मैं जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत को बधाई देना चाहता हूं।’’ सऊदी नेता ने कहा कि शिखर सम्मेलन में की गई घोषणाओं से दुनिया को फायदा होगा।
इस बीच शिखर सम्मेलन की समाप्ति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की भी मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्लेटफार्म के डिजाइन, विकास और निर्माण में साझेदारी के जरिये भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। मोदी और मैक्रों ने रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन से इतर वार्ता की। एक संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों नेताओं ने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्लेटफार्म के डिजाइन, विकास और निर्माण में साझेदारी के जरिये रक्षा सहयोग को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तीसरे देशों सहित भारत में उत्पादन को बढ़ाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’’