विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए लगातार भारत की तारीफ करता रहा है। हालांकि, अपनी रिपोर्ट्स और वेबसाइट पर WHO भारत का गलत नक्शा ही पेश करता रहा है। डब्ल्यूएचओ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अब भी भारत की सीमा से अलग दिखा रहा है। अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेडरोस अदनहोम गेब्रेहेसुस और वेबसाइट को चिट्ठी लिखी है। इसमें मांग की गई है कि संगठन अपनी रिपोर्ट्स में भारत के नक्शे को सही तरह से दिखाए।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग शेड में दिखाता है। जबकि अक्साई चिन का इलाका जिस पर चीन ने 1954 में कब्जा कर लिया था, उसे चीनी नक्शे में शामिल ही दिखाया जाता है। यहां तक कि पाकिस्तान की तरफ से चीन को 1963 में अवैध तौर सौंपे गए शक्सगम घाटी के इलाके को भी WHO चीनी इलाके का हिस्सा ही बताता है।
बताया गया है कि भारत की तरफ से यह अंतरराष्ट्रीय संगठन को भेजा गया तीसरा पत्र है। इसमें वीडियो से लेकर मैप और वेबसाइट पर चल रहे कोरोनावायरस डैशबोर्ड में भी भारत की सीमाओं को ठीक ढंग से पेश करने के लिए कहा गया है। पहले दो पत्र 3 दिसंबर और 30 दिसंबर को डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस अदनहोम गेब्रेहेसुस को भेजे गए थे।
भारत सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट, जिस पर लगातार बड़ी संख्या में लोग जुड़ते हैं, उस पर भारतीय सीमाओं का गलत चित्रण काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एजेंसी के अफसर इस मुद्दे को देख रहे हैं। सरकार भी डब्ल्यूएचओ के साथ इस मुद्दे पर जानकारी लेगी और मैप्स को सही करवाने का काम करेगी।
अफसर ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि WHO प्रमुख इस मामले में राजनीति नहीं घुसने देंगे और सभी गलतियां ठीक करवाएंगे। बता दें कि भारतीय कानून के तहत गलत नक्शे निकालना अपराध है और इसमें छह महीने तक की जेल और जुर्माना लग सकता है। पिछले साल ही भारत ने लेह को चीन में दिखाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को चेतावनी दी थी। साथ ही उससे भारत की कूटनीतिक मामलों में संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए भी कहा था।
