Bombay High Court Judge: बॉम्बे हाई कोर्ट के जज माधव जामदार ने छह महीने की देरी से एक ऑर्डर की कॉपी उपलब्ध कराए जाने की वजह बताई है। उन्होंने कहा कि न्यायिक काम की वजह से यह देरी हुई है। हाईकोर्ट जज ने खुलासा किया है कि वो ऑफिस में कोर्ट टाइम के बाद भी रोज दो ढाई घंटे तक काम करते हैं और देर रात तक केस स्टडी करते हैं।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जजमेंट कॉपी अपलोड करने में करीब छह महीने की देरी के लिए जस्टिस जामदार ने अपने आदेश में ही बताया किया कि कैसे वे काम के घंटों से परे बैठते हैं और रोजाना रात 11.30 बजे तक अपना चैंबर छोड़ देते हैं और यहां तक कि छुट्टियों के दिनों में भी आराम नहीं करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपना काम पूरा कर लें। उन्होंने आगे बताया कि कैसे उनका काम सुबह से ही शुरू हो जाता है और वे रोजाना सुबह 2 बजे तक कोई न कोई न्यायिक काम करते रहते हैं।
जज ने बताई असल वजह?
बॉम्बे हाईकोर्ट के जज ने कहा, ‘चूंकि मैं रेगुलर कोर्ट टाइम समय के बाद लगभग हर दिन कम से कम 2 से ढाई घंटे तक कोर्ट में काम करता हूं, लगभग सभी वर्किंग डे में रात 10.30 बजे से 11.30 बजे के बाद आदेशों को सही करने या साइन करने के बाद चैंबर छोड़ता हूं और अपने आवास पर 2.00 बजे तक केस के कागजात पढ़ता हूं, सुबह कम से कम एक घंटे के लिए केस के कागजात पढ़ता हूं और पेंडिंग को पूरा करने के लिए लगभग सभी शनिवार/रविवार/छुट्टियों पर चैंबर में उपस्थित रहता हूं, इसलिए इस आदेश को अपलोड करने में देरी हो रही है।’
लगभग 5 करोड़ मामले अदालतों में हैं पेंडिंग
देश में पेंडिंग केसों की संख्या बढ़ी
बता दें कि देश में मुकदमेबाजी और पेंडिंग केसों की संख्या बीते कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ी है। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट में जारी आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। सरकार ने लटके मामलों को निपटाने के लिए लोक अदालतों की मदद ली है और इन अदालतों में कुल 24,45,82,383 विवादित मामलों का निपटारा किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि चार सालों में साल दर साल सरकारी तंत्र के पास मामलों की संख्या बढ़ी है। निपटाए गए मामलों में 4,83,08,835 लंबित मामले और 19,62,73,548 मुकदमेबाजी के पूर्व मामले शामिल हैं। भविष्य में ऐसे मामलों में कमी लाई जा सके, इसके लिए न्यायालयों के आधुनिकीकरण की दिशा में काम किया जा रहा है। पढ़ें पूरी खबर…