उरी हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता राम माधव ने कहा है कि सरकार की आक्रामकता केवल राजनयिक प्रतिक्रिया के माध्यम से नहीं होगी। माधव ने कहा, ”यह सिर्फ कूटनीतिक प्रक्रिया भर नहीं है। इसे अच्छी तरह से नियंत्रित किया जाएगा और किसी तरह का ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्षेत्र में कोई भी परमाणु युद्ध नहीं चाहता और कोई भी परमाणु ब्लैकमेलिंग के आगे नहीं झुकेगा।” रविवार को उरी में आतंकी हमले के बाद माधव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि ‘एक दांत के बदले पूरा जबड़ा चाहिए” और ”कूटनीतिक नियंत्रण के दिन लद चुके हैं।” मंगलवार को माधव पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ के बयान के संदर्भ में जवाब दे रहे थे। के आसिफ ने कहा था कि अगर पाकिस्तान की सुरक्षा पर संकट आता है तो उनका देश घातक हथियारों के प्रयोग से नहीं हिचकेगा। माधव ने कहा, ”यह सिर्फ परमाणु हथियारों के बारे में बात करने वाले देश और वहां के लोगों का दुश्मनी भरा नजरिया दिखाता है।”
भाजपा के महासचिव ने यह भी संकेत दिए कि सरकार पाकिस्तान पर कई स्तरों से दबाव बनाएगी। उन्होंने कहा- ”देश में फैले गुस्से की सरकार को परवाह है। हम सभी जानते हैं कि उरी में आतंकी हमले से देश के लोग बुरी तरह व्यथित हैं। वे सरकार से एक मजबूत और उचित कार्रवाई चाहते हैं। सरकार इसे समझती है और खुद प्रधानमंत्री ने कहा है कि दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अलग-थलग करने और उसके ”संदिग्ध चरित्र” को बेनकाब करने के लिए सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है। माधव ने रविवार को अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा था- ”पीएम ने वादा किया है कि उरी हमले को अंजाम देने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। यही तरीका होना भी चाहिए। एक दांत के बदले पूरा जबड़ा। तथाकथित कूटनीतिक नियंत्रण के दिन लद गए हैं।”
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