आतंकवादियों को काबू करने के लिए चलाए जा रहे तमाम अभियानों के बावजूद कश्मीर में श्रीनगर का नजदीकी इलाका आतंकियों का गढ़ बना हुआ है। जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के दोनों तरफ पुलवामा से पंपोर का 25 किलोमीटर का इलाका आतंकवादियों का ‘हॉट बेड’ बन गया है। पुलवामा हमले की जांच में जुटी राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट यह गंभीर खुलासा किया है। एनआइए की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर ने दो महीने पहले दिसंबर के मध्य में अफगानी मूल के अब्दुल रशीद गाजी को पुलवामा हमले की योजना के साथ कश्मीर भेजा था। उसने स्थानीय आतंकी आदिल को फिदायीन हमला करने के लिए प्रशिक्षित किया, साथ ही, विस्फोटक-आरडीएक्स व अमोनियम नाइट्रेट और वाहन भी उपलब्ध कराए। गाजी ने त्राल के जंगल में अपना ठिकाना बना रखा है।

कश्मीर आकर उसने अपने साथ एक स्थानीय आतंकी कामरान को भी लिया। इन दोनों ने पुलवामा से पंपोर के बीच आतंकवादियों के ‘हॉट बेड’ कहे जाने वाले इलाके में विस्फोट की जगह चुनी। ‘हॉट बेड’ आतंकियों के उस इलाके को कहते हैं, जहां वे लोग कई वर्षों से मजबूती से अपनी जड़ें जमा चुके हैं। एनआइए की रिपोर्ट में राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ स्थित इन इलाकों का नक्शा तैयार किया गया है। इस इलाके की पहचान करने के लिए सुरक्षा बलों और काफिलों पर किए गए हमलों का विश्लेषण करते हुए कंप्यूटरीकृत नक्शा बनाया गया तो पता चला कि 2014 से 2018 के बीच 20 से 25 किलोमीटर के इसी दायरे में कुल 10 हमले हुए हैं। पुलवामा से पंपोर के बीच मौजूद मोबाइल टॉवरों का डाटा खंगाला जा रहा है। इसके अलावा, एनआइए ने आतंकियों के कई वीडियो और ऑडियो संदेशों का विश्लेषण किया है।

इलेक्ट्रॉनिक डाटा के विश्लेषण में ही गाजी और उसके साथी कामरान के बारे में पुख्ता जानकारी मिली। दोनों को सुरक्षा बलों ने 11 फरवरी को रत्नीपोरा में घेर लिया था, लेकिन दोनों भाग निकले थे। उनका एक साथी मारा गया था। अफगानिस्तान में मुजाहिदीन रहा गाजी जैश का आईईडी विशेषज्ञ है। दिसंबर के मध्य में कश्मीर घाटी पहुंचने के बाद गाजी ने स्थानीय आतंकी आदिल अहमद डार को फिदायीन हमले के लिए तैयार किया। उसने ही पाकिस्तान से लाई गई आरडीएक्स व अमोनियम नाइट्रेट की खेप उपलब्ध कराई। फॉरेंसिक विशेषज्ञों के हवाले से एनआइए ने पुष्टि की है कि विस्फोट में आरडीएक्स व अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। त्राल के जंगलों को अपना ठिकाना बनाकर गाजी ने आदिल के अलावा 18 से 23 वर्ष की उम्र के कई स्थानीय युवाओं को आतंक की राह पकड़ाई है। एनआइए की रिपोर्ट के आधार पर ‘हॉट बेड’ में छिपे बैठे आतंकियों व उनके सहयोगियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया जा रहा है।

2014-18 के दौरान राजमार्ग पर कुल 10 बड़े हमले

श्रीनगर के पास पुलवामा से पंपोर तक का 25 किलोमीटर का इलाका आतंकियों का गढ़ बन गया है। सुरक्षा बलों और काफिलों पर किए गए हमलों का विश्लेषण करते हुए कंप्यूटरीकृत नक्शा बनाया गया तो पता चला कि 2014 से 2018 के बीच 20 से 25 किलोमीटर के इसी दायरे में कुल 10 हमले हुए हैं।