टमाटर की कीमतों ने लोगों का बजट बिगाड़ दिया और उसके दाम 250 रुपऐ प्रति किलो तक पहुंच गए। वहीं अब प्याज भी आपका बजट बिगाड़ सकता है। क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार अगस्त के अंत तक खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आपूर्ति में कमी के कारण अगले महीने प्याज की कीमतें लगभग 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकती हैं।
बढ़ सकती हैं प्याज की कीमतें
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, “आपूर्ति-मांग असंतुलन का असर अगस्त के अंत में प्याज की कीमतों पर दिखने की उम्मीद है। हमारी जमीनी बातचीत के अनुसार खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाएगी। हालांकि, कीमतें 2020 के उच्चतम स्तर से नीचे रहेंगी।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी प्याज की शेल्फ लाइफ 1-2 महीने कम होने और इस साल फरवरी-मार्च में घबराहट के कारण बिकवाली के कारण, खुले बाजार में रबी स्टॉक में सितंबर के बजाय अगस्त के अंत तक काफी गिरावट आने की उम्मीद है, जिससे प्याज की खपत में बढ़ोतरी होगी।
अक्टूबर में स्थिर रहेगा रेट
रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर से खरीफ के आने के बाद प्याज की आपूर्ति आसानी से होने लगेगी, जिससे कीमतों में नरमी आएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारी महीनों (अक्टूबर-दिसंबर) में कीमतों में उतार-चढ़ाव स्थिर होने की उम्मीद है।
इस साल जनवरी-मई की अवधि के दौरान प्याज की कीमतों में गिरावट से उन उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली, जो काफी महंगे अनाज, दालों और अन्य सब्जियों की खरीद कर रहे थे। हालांकि इससे प्याज़ किसानों को नुकसान हुआ और इसका असर बुवाई पर भी पड़ा।
खरीफ सीजन में कम उत्पादन
रिपोर्ट में कहा गया, “हमें उम्मीद है कि इस साल रकबा 8 प्रतिशत घट जाएगा और प्याज का खरीफ उत्पादन 5 प्रतिशत गिर जाएगा। वार्षिक उत्पादन 29 मिलियन टन (MMT) होने की उम्मीद है, जो पिछले पांच वर्षों (2018-2022) के औसत से 7 प्रतिशत अधिक है।”