पेशेवर जीवन में आगे बढ़ने के लिए कई बार हमें नए कौशल को सीखने की आवश्यकता होती है। हमें नया कौशल सिर्फ सीखना ही नहीं होता है बल्कि उसमें पारंगत भी होना होता है। इसके लिए लगातार अभ्यास की जरूरत होती है। बिना अभ्यास के कोई भी व्यक्ति किसी भी कौशल में पारंगत नहीं हो सकता है।

किसी भी कौशल को सीखने की शुरुआत उसकी आधारभूत जानकारी से करनी होती है। इसके बाद सीखने का एक-एक चरण आगे बढ़ाना होता है। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि हमें हर चरण के अभ्यास को लगातार करना है। ऐसा नहीं करने पर उस कौशल में पारंगत होने में समय लगेगा और हो सकता है कि आप उसे सीख ही न पाएं।

कौशल विकास की यात्रा में अभ्यास के साथ इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उस कौशल का उपयोग आप शुरू कर दें। मान लीजिए आप हिंदी टाइपिंग सीख रहे हैं तो आप अपने कार्य में इसका उपयोग करना शुरू कर सकते हैं। शुरुआत में हो सकता है कि आपको परेशानी आए लेकिन इन परेशानियों का हल निकालते हुए ही आप उस कौशल में पारंगत होंगे। जब तक आप अपने सीखे हुए कौशल का उपयोग नहीं करेंगे तब तक आपका आत्मविश्वास भी नहीं बढ़ेगा।

कौशल विकास की यात्रा की शुरुआत में ही उसे छोटे-छोटे पड़ावों में बांट लें। इससे आपका बोझ कुछ कम होगा। छोटे-छोटे पड़ावों को पार करने पर आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ोगे। इस तरह से आप किसी भी कौशल में बहुत कम समय में पारंगत हो सकते हो।