हरियाणा विधानसभा के लिए बीजेपी ने 67 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। सीएम नायब सैनी लाडवा से चुनाव लड़ेंगे, हालांकि चर्चा यह थी कि वह करनाल से चुनाव लड़ सकते हैं। 2014 के बाद से यह चौथी बार है जब उनकी सीट बदली गई है। सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि लाडवा को सीएम सैनी के लिए सबसे सुरक्षित सीट के तौर पर देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लाडवा विधानसभा क्षेत्र से 47.14 फीसदी वोट मिले थे, लाडवा कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट का हिस्सा है। हालांकि, सैनी के लिए लाडवा में जीत आसान नहीं होगी।
क्यों आसान नहीं है लाडवा?
जब बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए तो कांग्रेस की ओर से नायब सिंह सैनी के लाडवा चुनाव लड़ने पर चुटकी ली गई। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर लिखा कि सीएम करनाल से भाग गए हैं।
ऐसा पहली बार नहीं है कि सीएम सैनी की सीट बदली गई हो। इससे पहले 2014 में सैनी ने नारायणगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और जीते थे। अगला चुनाव सैनी ने कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से लड़ा था जहां उन्हें 6.8 लाख से अधिक मतों के बड़े अंतर से जीत मिली थी, लोकसभा चुनाव-2024 से पहले सैनी ने करनाल विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी, जब पार्टी ने उन्हें मनोहर लाल खट्टर के की जगह सीएम के तौर पर आगे किया गया था।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि सीएम सैनी करनाल से ही चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के कुछ करीबी सहयोगी यहां से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे, इसलिए उन्हें लाडवा भेज दिया गया। करनाल का टिकट आखिरकार खट्टर के पूर्व मीडिया समन्वयक और करनाल के पूर्व जिला अध्यक्ष जगमोहन आनंद को मिला।
अब अहम सवाल यह है कि लाडवा क्यों सीएम सैनी के लिए मुश्किल मैदान साबित हो सकता है? यहां सैनी को कई तरफ से चुनौती मिल सकती है। एक चुनौती इंडियन नैशनल लोकदल की ओर से जिसने अपने पुराने चेहरे बरशामी को लाडवा से मैदान में उतारा है। मौजूदा सीएम को कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के संयुक्त उम्मीदवार का भी सामना करना पड़ सकता है क्योंकि दोनों पार्टियां गठबंधन की बातचीत कर रही हैं। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र सीट आप के लिए छोड़ दी थी और उसके उम्मीदवार सुशील गुप्ता ने लाडवा में 40.91% वोट हासिल किए थे।
कांग्रेस ने सीएम सैनी की सीट बदले जाने पर कटाक्ष किया है तो जेजेपी प्रमुख ने उन्हें “कटी पतंग” कहा है, जबकि कांग्रेस ने कहा है कि सीएम में करनाल से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है। कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “वह नारायणगढ़ की अपनी पिछली सीट पर भी वापस नहीं जा सकते और लाडवा को सुरक्षित सीट मानकर चुनाव लड़ रहे हैं। वह वहां भी सफल नहीं हो पाएंगे।”