महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे से पहले नए-नए घटनाक्रम देखने को मिल रहे हैं। अब खबर ये है कि बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल होने जा रहे हैं। वह एकनाथ शिंदे की पार्टी के टिकट पर कुदाल-मालवण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। अपने फैसले की जानकारी देते हुए रत्नागिरी सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट के पूर्व सांसद नीलेश राणे ने कहा, “मैं बुधवार शाम 4 बजे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल होऊंगा।”

द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, नीलेश राणे ने खुशी जताई कि उन्हें उस पार्टी के निशान के साथ चुनाव लड़ने का मौका मिल रहा है, जिस पार्टी से उनके पिता ने अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, “सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के बीच सीट बंटवारे में कुदाल सीट शिवसेना के पास चली गई है। मैं पिछले कुछ सालों से इस विधानसभा में काम कर रहा हूं, इसलिए मुझे बीजेपी, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस और गार्डियन मिनिस्टर रवींद्र चव्हाण का समर्थन मिला है।”

यहां नीलेश राणे का मुकाबला शिवसेना यूबीटी के नेता और राणे परिवार के कट्टर विरोधी वैभव नाइक से होगा। वैभव इस सीट से निर्वतमान विधायक हैं। वैभव नाइक ने साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में नारायण राणे को इस सीट पर हराया था। बात अगर नीलेश राणे के भाई  नितेश राणे की करें तो वो कंकावली से बीजेपी के विधायक हैं और इस सीट को बरकरार रखने के लिए इस बार फिर मैदान में हैं।

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2009 में लोकसभा चुनाव जीते थे नीलेश राणे

साल 2009 के लोकसभा चुनाव में नीलेश कांग्रेस पार्टी के साथ थे। तब वह रत्नागिरी – सिंधुदुर्ग लोकसभा से चुनाव जीते थे। इस चुनाव में उन्होंने शिवसेना के सुरेश प्रभु को चुनाव हराया था। सुरेश प्रभु पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार और फिर मोदी सरकार में मंत्री रहे। पांच साल बाद नीलेश इसी सीट से फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन शिवसेना से चुनाव हार गए।

साल 2017 में नारायण राणे ने बनाई महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष पार्टी

साल। 2017 में नारायण राणे ने कांग्रेस छोड़ दी। उन्होंने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष नाम से पार्टी बनाई। साल 2019 में नीलेश ने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वह दूसरी बार शिवसेना के वैभव नाइक से चुनाव हारे। साल 2024 में नारायण को बीजेपी ने यहां से उतारा औऱ वो यह सीट जीतने में सफल रहे।

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अब क्योंकि नारायण राणे लोकसभा में हैं और उनके छोटे बेटे नितेश को बीजेपी ने कंकवाली से टिकट दिया है ऐसे में नीलेश को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। कुदल सीट भी शिवसेना के हिस्से में गई है, ऐसे में अब नीलेश एकनाथ शिंदे के साथ जा रहे हैं।

राजकुमार बडोले अजित गुट में हुए शामिल

इससे पहले बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले अजित पवार की पार्टी में शामिल हुए थे। अजित पवार की पार्टी महाराष्ट्र की सत्ता में बीजेपी की सहयोगी है। राजकुमार बडोले 2009 और 2014 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर अर्जुनी-मोरगांव सीट से जीत दर्ज की थी। इस समय यह सीट एनसीपी के पास है। सूत्रों की मानें तो ऐसा महसूस किया गया कि बडोले के लिए वहां बेहतर संभावनाएं थीं, इसलिए वह एनसीपी में चले गए।