एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने गुरुवार को डिफेंस सिस्टम की खरीद और डिलीवरी में हो रही देरी की तरफ इशारा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि उनके विचार में कोई भी प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हुआ है। CII एनुअल बिजनेस समिट में एयर चीफ मार्शल ने कहा कि टाइमलाइन एक बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह एक ऐसी चीज है जिस पर हमें गौर करना होगा, हम ऐसा वादा क्यों करें जिसे पूरा नहीं किया जा सकता?’

एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘कभी-कभी कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करते वक्त हमें यकीन होता है कि यह मामला नहीं आने वाला है, लेकिन हम कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कर देते हैं, यह सोचकर कि उसके बाद हम देखेंगे कि क्या करना है। जाहिर है तब तक प्रोसेस खराब हो जाता है।’ सिंह का इशारा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए की डिलीवरी की तरफ था। इसके लिए करीब साल 2021 में कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए गए थे।

एयर फोर्स के बिना कोई भी ऑपरेशन नहीं हो सकता – एयर चीफ मार्शल

इंडियन एयर फोर्स ने 70 एचटीटी-40 बेसिक ट्रेनर विमानों की डिलीवरी के लिए एचएएल के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर भी साइन किए हैं। इनका शामिल होना इस साल सितंबर तक शुरू होने वाला है। एयर फोर्स की शक्ति के बारे में खुलकर बोलते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इसके बिना कोई भी ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है और हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर इसका नतीजा है।

ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ

मेक इन इंडिया पर ज्यादा फोकस कर रहे

एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने कहा, ‘जहां तक ​​एयर फोर्स की शक्ति का सवाल है, हमारा ध्यान इस बात पर है कि हमारे पास क्षमता और सामर्थ्य हो। हम सिर्फ भारत में प्रोडक्शन के बारे में बात नहीं कर सकते, हमें भारत में डिजाइनिंग और विकास शुरू करने की जरूरत है।’ सेना और इंडस्ट्री के बीच भरोसा और खुले व साफ सवांद पर जोर देते हुए सिंह ने कहा कि जहां तक ​​मेक इन इंडिया कार्यक्रम का सवाल है, भारतीय वायुसेना ज्यादा से ज्यादा कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना पहले बाहर की तरफ ज्यादा देख रही थी, लेकिन इस वक्त के हालात ने उन्हें एहसास दिला दिया है कि आत्मनिर्भरता ही एकमात्र साधन है। सिंह ने कहा कि हमें अब भविष्य के लिए तैयार रहना होगा। यही चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अगले 10 सालों में भारतीय इंडस्ट्री और डीआरडीओ से और ज्यादा प्रोडक्शन हो सकता है, लेकिन आज जो जरूरत है, वह आज ही है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद PM मोदी की ‘राष्ट्रवादी पॉलिटिक्स’