चीन ने भारत की जैश ए मुहम्‍मद के सरगना मसूद अजहर अजहर पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की कोशिश पर अडंगा लगा दिया। इसके लिए उसने कारण दिया कि बीजिंग किसी के भी ‘‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर राजनीतिक फायदा’’ उठाने देने के विरोध में है। हालांकि चीन ने कहा कि वह हर प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ है। भारत की पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद के प्रमुख अजहर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र का प्रतिबंध लगवाने की कोशिश में बाधा उत्पन्न के आरोपों के बारे में चीन के उप विदेश मंत्री ली बाओदोंग ने कहा कि ”चीन सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ है। आतंक के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। आतंक के खिलाफ लड़ाई के नाम पर किसी को अपने राजनीतिक हित भी नहीं साधने चाहिए।”

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लेकिन आखिर क्‍या कारण है जिसके चलते चीन ने अजहर का समर्थन किया:

पहला कारण, चीन का रूख दर्शाता है कि वह अपने साथी पाकिस्‍तान को खुश करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। हालांकि चीनी राजनेता इससे इतर बात करते हैं। चीन का कहना है कि वह मसूद अजहर पर बैन के खिलाफ है क्‍योंकि इस मामले पर सर्वसम्‍मति नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ”मार्च में भारत की ओर से की गई लिस्टिंग में अलग-अलग बयान हैं।”

चीन ने कहा-NSG पर बात कर सकते हैं, मगर मसूद अजहर के नाम पर भारत को राजनैतिक फायदा नहीं उठाने देंगे

दूसरा कारण है, मसूद अजहर को पाकिस्‍तानी सेना का समर्थन है। वहीं पाकिस्‍तान को चीन अपना हर मौसम का दोस्‍त बताता है। भारत को वह प्रतिद्वंदी और चुनौती मानता है।
तीसरा कारण है, बीते समय में भी चीन कई मुद्दों पर भारत से विपरीत रूख ले चुका है, इनमें एनएसजी पर भारत का विरोध भी शामिल है। जहां तक अजहर पर प्रतिबंध की बात है तो 15 देशों में चीन इकलौता है जिसने प्रतिबंध का विरोध किया है।