बांग्लादेश में बदले हुए हालात के बीच वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों का क्या हुआ? यह सवाल काफी अहम था, जिसका जवाब लोकसभा में विदेश मंत्री ने दिया था। उन्होंने कहा कि ज़्यादातर छात्र वहां शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन से पहले ही भारत आ गए थे। बांग्लादेश में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को अब बेसब्री से इंतज़ार है कि वहां हालात सामान्य हों और वह फिरसे अपनी पढ़ाई शुरू कर सकें। अब चर्चा यह भी है कि आखिर बांग्लादेश में भारतीय छात्र क्यों और क्या पढ़ने जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जुलाई तक बांग्लादेश से तकरीबन 7 हजार भारतीय छात्र भारत आए हैं।
क्यों बांग्लादेश को चुनते हैं भारतीय छात्र?
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश में पढ़ने वाले छात्रों का मानना है कि सबसे बड़ी बात वहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए ‘खर्चा’ है। बांग्लादेश में पढ़ाई में आने वाला खर्च काफी कम होता है और आसानी से ऐसे कोर्स हो जाते हैं जिनमें खर्च बाकी जगहों पर ज़्यादा होता है। यहां एक खास पहलू सफर से भी जुड़ा है। बाकी देशों के मुकाबले बॉर्डर कंट्री होने की वजह से छात्र आसानी से बांग्लादेश का सफर कर लेते हैं।
बांग्लादेश में पढ़ने वाले छात्रों की ज़्यादातर संख्या मेडिकल की पढ़ाई करने वालों की है। 10 हज़ार के करीब भारतीय छात्र बांग्लादेश में रह कर पढ़ रहे हैं। भारत में मेडिकल की पढ़ाई का खर्च 1 करोड़ तक पहुंच जाता है जबकि बांग्लादेश में 40-50 लाख के बीच रहता है।
बांग्लादेश में मौजूद भारतीय छात्रों के लिए सरकार ने कहा कि बांग्लादेश में भारतीय मिशन भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।
मेडिकल की पढ़ाई में है दिलचस्पी
बांग्लादेश में भारतीय छात्रों के लिए सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण मेडिकल की पढ़ाई नजर है। बांग्लादेश में लगभग 25% मेडिकल कॉलेज की सीटें गैर-देशी छात्रों के लिए आरक्षित हैं। जिससे भारतीय छात्रों के लिए कई अवसर पैदा होते हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश में मेडिकल कॉलेज भारतीय संस्थानों की तुलना में सस्ती शिक्षा देते हैं। बांग्लादेश के मेडिकल संस्थानों में कम लागत वाले निजी मेडिकल कॉलेज हैं काफी चर्चित हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने बांग्लादेश में सात विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी है। जहां यह भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं।