महाराष्‍ट्र के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल के भतीजे और पूर्व सांसद समीर भुजबल को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। भुजबल परिवार की कई कंपनियां है। ईडी का कहना है कि इन कंपनियों में से कुछ के गुप्‍त ट्रांजेक्‍शन हुए हैं और उसे शक है कि इनके जरिए भुजबल परिवार ने रिश्‍वत ली। ईडी ने पिछले साल 17 जून को छगन भुजबल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्‍ट के तहत मामला दर्ज किया था।

इसके पहले महाराष्‍ट्र एसीबी ने भुजबल की 26 संपत्तियों की जांच की थी। भुजबल के डिप्‍टी सीएम और पीडब्‍ल्‍यूडी मंत्री रहते हुए 2006 में 100 करोड़ के तीन प्रोजेक्‍ट के कांट्रेक्‍ट चमनकर एंटरप्राइजेज को देने के मामले में एसीबी जांच कर रही है। भुजबल पर आरोप है कि उन्‍होंने नियमों की अनदेखी कर कॉन्‍ट्रेक्‍ट दिया। इसके बदले में भुजबल के परिवार की कंपनियों और ट्रस्‍ट को रिश्वत दी गई। 2012 में भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महाराष्‍ट्र सदन केस में भुजबल के खिलाफ एसीबी जांच की मांग की।

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वहीं अंजलि दमानिया ने बॉम्‍बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए भुजबल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अपील की। उन्‍होंने आरोप लगाया कि चमनकर एंटरप्राइजेज ने इदीन फर्नीचर को 74.10 लाख रुपये दिए। ईदीन फर्नीचर की निदेशक समीर भुजबल की पत्‍नी शेफाली और पंकज भुजबल की पत्‍नी विशाखा हैं। एसीबी के अनुसार सराकर को इन तीन प्रोजेक्‍ट से 2867.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वहीं पीएसी के अनुसार यह नुकसान 5 से 6 हजार करोड़ रुपये का था।

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इस मामले में जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया। 11 जून 2015 को एसीबी ने छगन भुजबल समेत 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। तीन बाद भुजबल पर कलिना में लाइब्रेरी निर्माण का ठेका देने के मामले में अनियमितता बरतने के मामले में एक और एफआईआर दर्ज की गई। भुजबल और उनके परिवार के खिलाफ नौ आरोप ह‍ैं। सोमवार को ईडी ने छगन भुजबल और उनके परिवार की नौ संपत्तियों की जांच की। ईडी का कहना है मामले में और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है। इन आरोपों पर भुजबल का कहना है कि यह भाजपा शिवसेना सरकार की बदला लेने की राजनीति है। सोमवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने आरोप लगाया कि भुजबल परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।