Pahalgam Attack: जम्मू कश्मीर के फेवरिट टूरिस्ट स्पॉट पहलगाम में पिछले हफ्ते हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्से का माहौल है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े एक्शन भी लिए हैं। इस बीच कुछ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों पर भी लोगों को गुस्सा फूटा है, जिनमें से एक बीबीसी भी है। बीबीसी की पहलगाम हमले के कवरेज में भाषा को लेकर सवाल उठे हैं। इसको लेकर भारत सरकार की तरफ से बीबीसी इंडिया के प्रमुख जैकी मार्टिन को भी चेतावनी का लेटर भी भेज दिया गया है।

दरअसल बीबीसी अपने अपने एक आर्टिकल का शीर्षक “Pakistan suspends visas for Indians after deadly Kashmir attack on tourists” लिखा था। इसे एक सोशल मीडिया यूजर ने भ्रामक और गलत तरीके से पेश करते हुए भारत का हत्यारा बताए जाने की बात कही थी। इतना ही नहीं, बीबीसी ने आतंकवादी के लिए ‘आतंकवादी’ के बजाए ‘उग्रवादी’ शब्द का प्रयोग किया था। इसको लेकर भी भारत सरकार समेत सोशल मीडिया ने सवाल उठाए हैं।

आज की बड़ी खबरें

पाकिस्तान फैला रहा इंटरनेट पर भ्रम

बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद इंटरनेट पर भयावह कंटेंट शेयर किया जा रहा है। पाकिस्तान इंटरनेट के जरिए भारत विरोधी कंटेंट शेयर करके भ्रम फैला रहा है। ऐसे में भारत सरकार ने देश में 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया है। गृह मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

भारत ने इन प्लेटफॉर्म्स को किया बैन

प्रतिबंधित किए गए पाकिस्तानी प्लेटफॉर्म्स में न्यूज आउटलेट डॉन, समा टीवी, एआरवाई न्यूज, बोल न्यूज, रफ्तार, जियो न्यूज और सुनो न्यूज के यूट्यूब चैनल शामिल हैं। इसके अलावा, कई पत्रकारों – इरशाद भट्टी, अस्मा शिराजी, उमर चीमा और मुनीब फारूक के चैनल भी भारत में ब्लॉक कर दिए गए हैं। पाकिस्तान रेफरेंस, समा स्पोर्ट्स, उजैर क्रिकेट और रजी नामा अन्य चैनलों में शामिल हैं जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है।

‘मेरे पास माफी मांगने के लिए शब्द नहीं थे…’ पहलगाम आतंकी हमले को लेकर विधानसभा में बोले CM उमर अब्दुल्ला

वर्तमान में नहीं उपलब्ध नहीं डेटा

इन यूट्यूब चैनलों तक पहुंचने का प्रयास करने वाले उपयोगकर्ताओं को निम्नलिखित संदेश मिल रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित सरकार के आदेश के कारण यह सामग्री वर्तमान में इस देश में उपलब्ध नहीं है।

इस मामले में सरकारी सूत्रों का कहना है कि पहलगाम में 26 नागरिकों के नरसंहार के बाद भारत और उसकी सुरक्षा एजेंसियों को निशाना बनाकर भड़काऊ, सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील सामग्री और भ्रामक बयानों के प्रसार को रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई है।