देश को महंगाई के मोर्चे पर राहत के संकेत मिलने लगे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में थोक महंगाई दर 12.96 फीसदी रही। जो पिछले साल के दिसंबर महीने के मुकाबले 0.6 फीसदी कम है। दिसंबर 2021 में थोक महंगाई दर 13.56 फीसदी और नवंबर 2021 में साल के सबसे उच्चतम स्तर 14.23 फीसदी थी। जबकि जनवरी 2021 में यह 2.51 फीसदी थी। बता दें, कि अप्रैल 2021 के बाद यह लगातार दसवां महीना है जब देश में थोक महंगाई दर 10 फीसदी से अधिक रही है।

सरकार के द्वारा जारी बयान के मुताबिक जनवरी 2022 में मिनरल ऑयल, क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस, बेसिक मेटल्स, केमिकल्स और केमिकल्स उत्पादों और खाने के अन्य सामानों में पिछले वर्ष के आखिरी महीने के मुकाबले दाम बढ़ने के चलते महंगाई में इजाफा हुआ है।

सब्जियों के दाम चढ़े, आलू प्याज के गिरे

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2022 में सब्जियों के दामों में महंगाई दर पिछले महीने के 31.56 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 38.45 फीसदी हो गई। जबकि इसी अवधि के दौरान आलू के दामों में महंगाई दर -14.45 फीसदी और प्याज के दामों में -15.98 फीसदी थी। अंडा मांस और मछली के दामों महंगाई दर 9.85 फीसदी तक पहुंच गई जो दिसंबर में 5.48 फीसदी थी।

पेट्रोल के दाम बढ़े

इसी अवधि के दौरान ईंधन और ऊर्जा के क्षेत्र में थोक महंगाई दर 32.27 थी, जो दिसंबर में 32.3 फीसदी से कम थी। दिसंबर के मुकाबले पेट्रोल के दामों में 62.02 फीसदी, हाई स्पीड डीजल के दामों में 56.08 फीसदी और एलपीजी गैस के दाम में 51.70 फीसदी थोक महंगाई दर थी।

आरबीआई ने जताया था महंगाई घटने का अनुमान

10 फरवरी को आरबीआई के द्वारा जारी की गई मॉनिटरी पॉलिसी में गवर्नर शशिकांत दास ने कहा था कि वित्तीय वर्ष 2022-23 लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है। आरबीआई के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) 4.5 फीसदी रह सकता है। 2022-23 की पहली तिमाही में महंगाई 4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही 4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 रह सकती है।