Muzaffarnagar Swami Yashveer Maharaj: कांवड़ कायात्रा शुरू होते ही एक शख्स का नाम फिर से चर्चा में आ गया है। इस शख्स का नाम स्वामी यशवीर महाराज है और बीते दो सालों से कांवड़ यात्रा शुरू होते ही, स्वामी यशवीर टीवी चैनलों, अखबारों और सोशल मीडिया पर सुर्खिया बटोरते हैं। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है।

स्वामी यशवीर ने बीते साल मुजफ्फरनगर और कांवड़ रूट पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों, चाय की दुकानों आदि के मालिकों को अपना नाम दुकान के बाहर लगाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने भी संबंध में आदेश जारी किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी।

आइए, जानते हैं कि स्वामी यशवीर कौन हैं।

‘योग साधना आश्रम’ चलाते हैं स्वामी यशवीर

स्वामी यशवीर मुजफ्फरनगर से करीब 15 किलोमीटर दूर बघरा गांव में ‘योग साधना आश्रम’ चलाते हैं। इस आश्रम में उनके कई समर्थकों का जमावड़ा रहता है। बीबीसी के मुताबिक, स्वामी यशवीर आसपास के लोगों को योग सिखाते थे और फिर इस आश्रम की स्थापना की गई। इस आश्रम की स्थापना 2015 में हुई थी और यहां पर महंत अवैद्यनाथ भवन भी बनाया गया है। इसका शिलान्यास खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।

पंडित ढाबे पर जाकर की थी चेकिंग

स्वामी यशवीर ने बीते दिनों मुजफ्फरनगर में एक पंडित ढाबे पर जाकर यह दावा किया कि इसका मालिक मुस्लिम समुदाय का है और वह पंडित ढाबा चला रहा है। स्वामी यशवीर का दावा था कि यहां पर कर्मचारियों के नाम बदले हुए थे। इसके बाद स्वामी यशवीर ने ऐलान किया कि वह हरिद्वार से लेकर कांवड़ यात्रा मार्ग पर जितने भी होटल-ढाबे हैं, वहां भगवान वराह के फोटो लगाएंगे और भगवा झंडा भी देंगे।

स्वामी यशवीर ने हरिद्वार से इसकी शुरुआत करने का ऐलान किया था। वह अपने समर्थकों के साथ उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड की सीमा पर पड़ने वाले नारसन बॉर्डर पर पहुंचे लेकिन यहां उत्तराखंड की पुलिस ने उन्हें रोक लिया और वापस जाने को कहा।

कांवड़ यात्रा को लेकर धामी सरकार का सख्त फरमान

स्वामी यशवीर नहीं माने और हाईवे पर ही धरना देकर बैठ गए। स्वामी यशवीर का आरोप है कि दूसरे समुदाय के लोग अपनी पहचान को छुपा कर कांवड़ यात्रियों को भोजन करते हैं और इसमें तमाम तरह की गड़बड़ियां होती हैं। स्वामी यशवीर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंभत्री योगी आदित्यनाथ की ही तरह हमेशा भगवा वस्त्र पहनते हैं।

जाट जाति में पैदा हुए स्वामी यशवीर

स्वामी यशवीर का जन्म मुजफ्फरनगर के जाट परिवार में हुआ है हालांकि उनके समर्थक कहते हैं कि वह अब सिर्फ संन्यासी हैं। स्वामी यशवीर का कहना है कि उन्होंने बचपन में ही अपना घर परिवार छोड़ दिया था। दिसंबर 2015 में स्वामी यशवीर को धार्मिक भावनाएं भड़काने और समाज में नफरत फैलाने के आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था और वह 7 महीने तक जेल में रहे थे। स्वामी यशवीर इस बात का दावा करते हैं कि वह अब तक बड़ी संख्या में कई मुसलमानों की सनातन धर्म में ‘घर वापसी’ कर चुके हैं।

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स्वामी यशवीर का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर ढाबे और होटल चलाते हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपने नाम से होटल वगैरह चलाएं ना कि हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर।

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