भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी तनाव के बाद अचानक शनिवार शाम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है और वे सीजफायर पर सहमत हो गए हैं। यह घटनाक्रम वैश्विक राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और संघर्ष बढ़ चुका था। लेकिन इस ऐतिहासिक समझौते की शुरुआत पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा भारत के डीजीएमओ से फोन करके बातचीत करने से हुई। अब सवाल उठता है कि आखिर पाकिस्तान से कॉल भारत के किस डीजीएमओ को आया और क्यों?
भारतीय सेना का अहम चेहरा, क्या है जिम्मेदारी
भारत के डीजीएमओ का पद भारतीय सेना में बेहद अहम माना जाता है। “डीजीएमओ” यानी “डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस”, एक ऐसा उच्च पद है जिसे किसी सैन्य अधिकारी द्वारा संभाला जाता है और यह व्यक्ति पूरी सेना के सैन्य ऑपरेशनों, युद्ध रणनीतियों और अन्य सैन्य गतिविधियों की जिम्मेदारी संभालता है। भारतीय सेना के डीजीएमओ की भूमिका तब और महत्वपूर्ण हो जाती है, जब सीमा पर तनाव हो या युद्ध जैसी स्थिति बने, क्योंकि यही व्यक्ति सैन्य निर्णयों को अंतिम रूप देने में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सैन्य कार्रवाई सही दिशा में हो।
इस पद को कब संभाला था
इस समय भारतीय सेना के डीजीएमओ पद पर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई हैं। उन्होंने अक्टूबर 2024 में इस पद की जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले वह भारतीय सेना के विभिन्न प्रमुख सैन्य पदों पर कार्य कर चुके हैं और उनकी सैन्य रणनीतियों में एक गहरी समझ और अनुभव है। उनके नेतृत्व में, भारतीय सेना के सैन्य ऑपरेशनों में पारदर्शिता और प्रबंधन को प्राथमिकता दी जाती है।
पाकिस्तान का भारत के डीजीएमओ से संपर्क करना एक बहुत ही असामान्य घटना है, क्योंकि दोनों देशों के बीच लंबे समय से सैन्य तनाव और संघर्ष हो रहे थे। ऐसे में पाकिस्तान से कॉल भारत के डीजीएमओ के पास आना एक संकेत है कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच एक नई तरह की बातचीत की आवश्यकता महसूस हो रही थी। यह कॉल न केवल सीजफायर के लिए था, बल्कि यह संकेत देता है कि दोनों देशों के बीच सैन्य रणनीतियों में बातचीत और समझौता अब जरूरी हो गया है।
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यह घटनाक्रम यह भी दर्शाता है कि डीजीएमओ केवल सैन्य अभियान ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के बीच कूटनीतिक बातचीत का भी अहम हिस्सा बन सकते हैं। उनके पास केवल सैन्य निर्णय लेने की जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि वह दोनों देशों के सैन्य तनाव को कम करने और शांति की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में सीजफायर की सहमति और पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा भारत के डीजीएमओ से संपर्क इस बात का संकेत है कि सैन्य अधिकारियों के बीच तनाव को कम करने के लिए संवाद का महत्व बढ़ गया है। भारत के डीजीएमओ का पद इस प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका निभाता है और उनकी रणनीतियों से यह साबित होता है कि सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों का सही तालमेल दोनों देशों के बीच शांति की संभावना को बढ़ा सकता है।