Union Budget 2025-26: केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिग कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। काफी वक्त से इन कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा नीति लाने की मांग हो रही थी। अब इन कर्मचारियों को पहचान दिलाने के उद्देश्य से सरकार नई योजना की शुरुआत करेगी।
बजट में गिग वर्कर्स को क्या मिला?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण कहा कि गिग वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन के लिए एक प्लेटफार्म की शुरुआत की जाएगी। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद ऐसे कर्मचारियों को पहचान मिलेगी। इसके साथ इन कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए भी सरकार के द्वारा कई प्रयास किए जाएंगे। इन कर्मचारियों पीएम जन आरोग्य योजना के अंतर्गत भी लाभ दिया जाएगा। सरकार के इस ऐलान का लाभ देश के करोड़ों गिग कर्मचारियों को मिलगा।
गिग वर्कर्स कौन होते हैं?
गिग वर्कर्स में ऐसे लोग शामिल होते हैं जो कॉन्ट्रैक्ट आधार पर किसी संस्थान के साथ जुड़कर काम करते हैं। इसके अलावा जिन्हें ‘काम के बदले भुगतान’ पर काम दिया जाता है। इनमें फ्रीलांसर्स, ऑनलाइन सर्विस देने वाले कर्मचारी, कंटेंट क्रिएटर्स, कॉन्ट्रैक्ट फर्म के साथ जुड़े कर्मचारी, डिलीवरी का काम करने वाले कर्मचारी, कैब ड्राइवर आदि अस्थायी कर्मचारी शामिल होते हैं।
ऐसे कर्मचारी लंबे समय तक भी यदि किसी संस्थान से जुड़े रहते हैं तो भी उन्हें काम के बदले भुगतान के अलावा अन्य कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं दी जाती। न ही किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधा दी जाती है।
गिग कर्मचारियों को सरकार के द्वारा सरकारी योजनाओं का लाभ देने के प्रयास किये जाएंगे। इससे इन कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी, जिसकी मांग पिछले काफी समय से की जा रही थी। इन कर्मचारियों के लिए बीमा और रिटायरमेंट की सुविधा भी शुरू की जा सकती है। नीति आयोग द्वारा साल 2022 में जारी की में यह अनुमान जताया गया था कि देश में साल 2029-30 तक गिग वर्कर्स की संख्या बढ़कर 2.35 करोड़ के पार हो सकती है। साल 2020-21 में ये संख्या 77 लाख थी।
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