प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार झारखंड की राजधानी रांची में मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव पाल के नौकर के घर छापेमारी की। इस दौरान ईडी को भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। ईडी अब तक 25 करोड़ से अधिक कैश की गिनती कर चुकी है। अभी भी नोटों की गिनती जारी है। इसकी गिनती के लिए मंगाई गई है। जानकारी के मुताबिक ये छापेमारी झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से जुड़े मामलों में हो रही है। जिन्हें ED ने बीते साल मानी लांड्रिंग के मामलों में गिरफ्तार किया था। भारी मात्रा में कैश की बरामदगी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसे लेकर झारखंड सरकार पर हमला बोला है। आखिर आलमगीर आलम कौन हैं और इनके करीबियों के ठिकानों पर ईडी क्यों छापेमारी है, विस्तार से समझते हैं।
कौन हैं आलमगीर आलम?
झारखंड की पाकुड़ विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे आलमगीर आलम झारखंड सरकार में दूसरी बार मंत्री बने हैं। इससे पहले आलमगीर आलम 20 अक्तूबर 2006 से 12 दिसम्बर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष पद पर आसीन थे। आलमगीर आलम 2019 में पहली बार मंत्री बने। उन्होंने 29 दिसंबर 2019 को महागठबंधन के हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। सोरेन सरकार में उन्हें संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई। इससे पहले 20 अक्टूबर 2006 से 12 दिसंबर 2009 तक झारखंड विधानसभा अध्यक्ष पद पर आसीन थे।
आलमगीर आलम ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1978 में गृह पंचायत महराजपुर से सरपंच पद का चुनाव जीतने के साथ शुरू की थी। उनके चाचा हाजी एनुल हक कांग्रेस के विधायक थे। उनके साथ आलमगीर आलम कांग्रेस के विचारधारा से प्रेरित होकर कांग्रेस के संगठन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे थे। राजनीति में उनकी बढ़ती सक्रियता के बाद चाचा हाजी एनुल हक ने पाकुड़ विधानसभा का उत्तराधिकारी आलमगिर को बना दिया।
1995 में आलमगीर आलम को कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया। हालांकि चुनाव में आलमगीर आलम को बीजेपी उम्मीदवार बेनीप्रसाद गुप्ता से हार का सामना करना पड़ा। 2000 में विधानसभा से बेनीप्रसाद गुप्ता को हराकर वह पहली बार विधायक बने। बिहार सरकार में आलमगीर आलम को पहली बार विधायक के साथ लघु सिंचाई मंत्री बनाया गया। आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा से वर्ष 2000, 2005, 2014 एवं 2019 चार बार कांग्रेस से विधायक बने। आलमगीर आलम ने बीएससी तक पढ़ाई की है। उनका बेटा तनवीर आलम कांग्रेस के झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश महासचिव है।