एक ओर जहां भारत में सितंबर के बाद से कोरोना विषाणु संक्रमण के मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। वहीं, दुनिया के अन्य देशों विशेषकर पश्चिम गोलार्ध में स्थित देशों में संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। वहीं, टर्की में अब तक 18.66 लाख मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 9.72 मामले पिछले सप्ताह ही सामने आए हैं। जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय के मुताबिक दुनिया में चार दिन में करीब 30 लाख नए मामले सामने आए हैं।

दुनिया में कुल संक्रमितों की संख्या 7.30 करोड़ के लगभग पहुंच गई हैं जबकि अब तक 16.21 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। दुनिया में अब तक 4.12 करोड़ कोरोना विषाणु संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं जिनमें से 92.42 लाख अकेले भारत के हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भारत में सबसे अधिक है।

अमेरिका कोरोना विषाण्ुा संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित देश है। यहां 1.65 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या में मामले में दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश भारत है, जहां संक्रमितों की संख्या 99 लाख से अधिक और ब्राजील तीसरे स्थान पर है, जहां 69.20 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। ब्राजील में 1.81 लाख लोगों कोरोना विषाण्ुा संक्रमण से मर चुके हैं।

एक सप्ताह के दौरान अमेरिका में 12.88 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह चार फीसद प्रति दिन के हिसाब से मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। ब्रिटेन में भी पिछले सप्ताह से संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है।

ब्रिटेन में पिछले सप्ताह के मुकाबले इस सप्ताह प्रति दिन 23 फीसद मामलों में बढ़ोतरी हुई है। यहां कुल संक्रमितों की संख्या 18.74 लाख पहुंच गई जबकि 1.19 लाख संक्रमण के मामले इस सप्ताह दर्ज किए गए हैं। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक का कहना है कि ब्रिटेन में कोरोना विषाणु का एक नया प्रकार सामने आया है जो तेजी से लंदन और उसके आसपास के इलाकों में फैल रहा है। उन्होंने बताया कि विषाणु के इस प्रकार का हमारे वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं।

अभी तक ऐसे एक हजार के करीब मामले सामने आए हैं। इसको देखते हुए लंदन में एक बार फिर से सख्त पूर्णबंदी लागू की जा रही है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) का कहना है कि वे तथ्यों की जांच कर रहे हैं। इस बीच टीकों को लेकर भी अच्छी खबरें सामने आ रही हैं। रूस में निर्मित स्पुतनिक वी की प्रभाविकता 91.4 फीसद बताई गई है। ये तथ्य नेशनल सेंटर आॅफ एपीडिमिलॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी और रसिन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड की ओर से घोषित किए गए।