पिछले दिनों विवादों का केंद्र रही शिमला की संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण पर नया अपडेट है। संजौली मस्जिद कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद लतीफ नेगी ने बताया कि उन्होंने म्युनिसिपल कमिश्नर कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी मंगलवार को वक्फ बोर्ड को भेज दी है। वो ही इस मामले में आगे का एक्शन लेंगे। उन्होंने कहा कि MC कोर्ड ने ऑर्डर पास कर दिया है, वो ही संपत्ति के मालिक है। हम वक्फ बोर्ड के जवाब के बाद आगे एक्शन लेंगे।
न्यूज एजेंसी ANI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बीती पांच अक्टूबर को म्युनिसिपल कमिश्नर कोर्ट ने पांच मंजिला संजौली मस्जिद में किए गए अवैध निर्माण को गिराने के आदेश दिए थे। MC कोर्ट ने इसके लिए वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी को दो महीने का समय दिया है।
संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मुहम्मद लतीफ ने PTI से बातचीत में कहा, “हमें संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के नगर निगम आयुक्त की अदालत के आदेश की प्रति मिली है और हमने आगे के निर्देश देने के लिए वक्फ बोर्ड को पत्र लिखा है जो उस जमीन का मालिक है, जहां मस्जिद का निर्माण हुआ है।” उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड से इजाजत मिलने के तुरंत बाद काम शुरू किया जाएगा।
संजौली मस्जिद विवाद क्या है?
शिमला के संजौली इलाके में स्थित मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान 10 लोग घायल हो गए थे। स्थानीय मुस्लिम कल्याण समिति ने नगर निगम आयुक्त से अनधिकृत हिस्से को सील करने का आग्रह किया था और कहा था कि वे खुद अवैध हिस्से को गिरा देंगे।
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हालांकि राज्य में मुस्लिम निकाय शिमला नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को लेकर दो धड़ों में बंट गए थे। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन (एएचएमओ) ने कहा था कि वे अपीलीय प्राधिकरण की अदालत में फैसले को चुनौती देंगे और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे।
इससे पहले AHMO के राज्य प्रवक्ता नजाकत अली हाशमी ने कहा था कि जिन लोगों ने मस्जिद की अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने का वचन दिया था, उनके पास ऐसा कोई भी प्रस्ताव देने का कोई अधिकार नहीं था। हाशमी ने यह भी कहा कि नगर निगम आयुक्त की अदालत का आदेश तथ्यों के विपरीत है।