बिलकिस बानो केस की सुनवाई के दौरान आज सुप्रीम कोर्ट में अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला। दोषियों के वकीलों ने बिलकिस पर आरोप लगाते हुए केस की सुनवाई को आगे बढ़ाने की मांग की। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता भी उनके सुर में सुर मिला रहे थे। वकीलों का रवैया देखकर जस्टिस केएम जोसेफ गुस्से में आ गए। उन्होंने वकीलों से कहा कि आप सभी कोर्ट के अफसर हो। लेकिन अदालत के प्रति अपनी ड्यूटी को तो समझो।

गर्मी की छुट्टियों में भी बिलकिस केस की सुनवाई करना चाहते थे जस्टिस

बिलकिस मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के दखल के बाद सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी हुआ था। केस के लिए सीजेआई ने स्पेशल बेंच बनाई थी। जस्टिस केएम जोसेफ के साथ जस्टिस बीवी नागरत्ना मामले की सुनवाई कर रही हैं। जस्टिस जोसेफ केस को अंजाम तक पहुंचाने के लिए किस कदर संजीदा थे कि उन्होंने गर्मी की छुट्टियों में भी सुनवाई के लिए हामी भरी थी। वो 16 जून को रिटायर हो रहे हैं। 19 जून उनका आखिरी कार्यदिवस होगा। इसी वजह से उन्होंने कहा था कि वो अवकाश के दौरान भी सुनवाई कर सकते हैं। लेकिन सॉलीसिटर जनरल और दोषियों को वकील उनकी इस बात से सहमत नहीं दिखे।

आज सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील इस बात को लेकर बिकलिस की वकील शोभा गुप्ता से उलझ गए कि उन्होंने एक हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था कि कुछ दोषी नोटिस लेने से मना कर रहे हैं। उनका कहना था कि नोटिस इस वजह से नहीं मिला क्योंकि उनमें से कुछ लोग अपने घरों पर नहीं था। दोषियों के वकीलों का कहना था कि बिलकिस ने कोर्ट में फ्राड किया है। उन पर एक्शन होना चाहिए। बिलकिस बानो की वकील शोभा गुप्ता का कहना था कि हलफनामा पोस्ट ऑफिस के रिकार्ड को देखकर तैयार किया गया था।

दोषियों के वकीलों ने लगाया अड़ंगा तो बोले जस्टिस- पता है आप नहीं चाहते कि वो केस की सुनवाई करें

जस्टिस जोसेफ सारे मामले को देख रहे थे। उन्होंने सुनवाई को स्थगित करते हुए कहा कि वो चाहते थे कि केस को अंजाम तक पहुंचा दें। लेकिन जिस तरह का बर्ताव वो कोर्ट में होता देख रहे हैं, उससे साफ है कि सामने वाला पक्ष नहीं चाहता कि मेरी बेंच मामले की सुनवाई करे। उन्होंने वकीलों से कहा कि वो मानते हैं कि आप लोग कोर्ट के अफसर हैं पर आपको अदालत के प्रति अपनी उस ड्यूटी को भी समझना होगा जो बनती है। उन्होंने मामले की सुनवाई जुलाई तक टाल दी। यानि अब कोई दूसरी बेंच मामले की सुनवाई करेगी, क्योंकि जस्टिस जोसेफ तो रिटायर हो चुके होंगे।

ध्यान रहे कि बिलकिस ने रेप और हत्या के दोषियों को जेल से रिहा करने के फैसले को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से पूछा था कि वो बताए कि किस कानून के तहत उसने दोषियों को रिहा किया। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सरकार से वो सारे दस्तावेज मांगे थे जो दोषियों की रिहाई से जुड़े थे। लेकिन सरकार ने ये कहते हुए फाइल दिखाने से इनकार कर दिया कि वो सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश को चुनौती देने जा रही है।