योग गुरु रामदेव अब कारोबार को लेकर भी अकसर चर्चा में रहते हैं। एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में रामदेव ने कहा था कि टाटा, बिड़ला और जो बड़े-बड़े नाम हैं, इनमें से एक भी कंपनी फूड प्रॉसेसिंग में नहीं निवेश करती है। इसलिए फूड प्रोसेसिंग को ऊपर उठाने की जरूरत है। रामदेव ने कहा, हिंदुस्तान की कंपनियों को गौरव देना होगा, जैसे कि कोरिया में दिया गया। अमेरिका में राष्ट्रपति कंपनियों के पीछे खड़ा रहता है और सहायता करता है लेकिन यहां हमें गालियां खानी पड़ती हैं।
उन्होंने कहा, ‘हिंदुस्तान की उद्यमिता को गौरव देना पड़ेगा। हम गालियां खाएंगे और हिंदुस्तान की सेवा करेंगे।’ इसके बाद ऐंकर ने कहा, यही बात देश के मुसलमान भी कह रहे हैं कि हम यहीं के हैं और यहीं जिएंगे यहीं मरेंगे। रामदेव ने कहा, किसी भी मुसलमान को कोई भी राजनीतिक दल देश से बाहर नहीं निकाल सकता। जब तक हिंदुस्तान है, यहां के मुसलमान और हिंदू को कोई बाहर नहीं निकाल सकता। दरअसल उस वक्त संसद में सीएए पास हो गया था और इसे लेकर देशभर में प्रदर्शन हो रहे थे। ऐंकर ने पूछा कि क्या आपको अपनी नागरिकता जाने का डर नहीं लगता>
स्वामी रामदेव ने कहा, ‘मेरे मां बाप दादा दादी यहां रहते थे। हमारी सात पीढ़ियों की जन्मपत्री नहीं है। कोई फालतू की बात करे तो अलग बात है लेकिन कोई किसी को इस देश से निकाल नहीं सकता है। मैं शाहीन बाग जाकर लोगों को यही बात बताऊंगा।’ स्वामी रामदेव उस वक्त शाहीन बाग जाने वाले थे लेकिन उनको अनुमति नहीं मिली थी। ऐसे में उन्हें शाहीन बाग का दौरा रद्द करना पड़ा था।
इसी कार्यक्रम में एक छात्र ने सवाल पूछा कि क्या शाहीन बाग वालों को रोड पर धरना देने की ही जगह मिली? रामदेव ने कहा, मैं उनके धरने से सहमत नहीं हूं। शाहीन बाग में जगह नहीं है तो बाकी जगहों पर धरना दिया जा सकता है। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ लोगों से बात करने जा रहा हूं और उन्हें समझाने जा रहा हूं कि सड़क पर प्रदर्शन करना असंवैधानिक है। हमारी आजादी से दूसरों की आजादी बाधित नहीं होनी चाहिए।