चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल ही कहा कि वो अब भविष्य में किसी भी दल के लिए रणनीति नहीं बनाएंगे। एक बार लल्लनटॉप वेबसाइट के साथ कई मुद्दों पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा था कि सरकार में प्रतिभाओं की कमी है। प्रधानमंत्री के बदलने के साथ ही कई अफसरों को बदलना पड़ता है। केंद्र में 10 पोस्ट के लिए हल्ला-गुल्ला है।

प्रशांत किशोर ने कहा था कि कुछ दिन पहले 10 पोस्ट पर लेटरल एंट्री के लिए एक विज्ञापन आया था लेकिन उसके ऊपर जमकर विवाद हुआ था। लेकिन मेरा मानना है कि जो बेस्ट टैलेंट है वो अभी सरकार में है ही नहीं। उन्होने कहा कि आप ही बताइए एक ही अधिकारी अलग-अलग विभागों में जाकर कैसे अच्छा काम कर सकता है? आपने किसी एक क्षेत्र में जीवन भर काम किया है लेकिन आपको सरकार या तंत्र कह रहा है कि आपको उसकी समझ नहीं है। लेकिन एक अधिकारी को विभागों में बदल-बदल कर काम करवाया जाता है।

प्रशांत किशोर ने कहा था कि जो भारतीय आदमी दुनिया भर में किसी एक मुद्दे पर काफी दिनों से काम कर रहे हैं उन्हें देश में आकर काम करने का कोई मौका नहीं मिलता है। अगर वो आएगा भी तो उसे ऐसे अधिकारी के अंदर काम करना होगा जिसे कुछ समझ नहीं है।

उन्होंने कहा था कि ये व्यवस्था में कमी है। अगर आप उन देशों में देखेंगे जहां लोकतंत्र परिपक्व हो गया है वहां ऐसी बातें नहीं है। मुझे विश्वास है कि जब भारत में भी लोकतंत्र परिपक्व होता जाएगा तब हालात बदलेंगे।

भारत में जब प्रधानमंत्री बदलता है तो चार अधिकारी तुरंत बदल जाते हैं। इन बदलावों से बहुत अधिक परिवर्तन नहीं देखने को मिलता है। सिर्फ एक अधिकारी को किसी अन्य के स्थान पर रख देने से परिवर्तन संभव नहीं। उन्होंने कहा कि देश में जो भी बड़े काम हुए हैं। उसमें लेटरल एंट्री का योगदान रहा है।