चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक इंटरव्यू के दौरान 2019 के लोकसभा को छोटी मोटी बात बता दिया था। हालांकि, एंकर ने चुटीले अंदाज में उनसे कहा कि आपके लिए छोटी मोटी बात है पर नरेंद्र मोदी की सांसद रुक जाएगी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नेताओं के लिए चुनाव आम चीज है। चुनाव तो आते ही रहते हैं। उनका कहना था कि अगर नतीजे मनमुताबिक नहीं आए तो कुर्सी छूटनी लाजिमी है। पत्रकार के सवाल पर उनका कहना था कि जो सत्ता में है कुर्सी तो उसकी ही जाएगी। चुनाव प्रधानमंत्री के लिए हो रहा है तो जाहिर है कि भाजपा और एनडीए को वोट नहीं मिलने पर उनको ही नुकसान होगा। उन्हें सत्ता से हाथ धोना पड़ेगा।
इंटरव्यू में पीके से उनके परिवार के बारे में सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ये सवाल रहने दीजिए। वो नहीं चाहते कि उनकी वजह से परिवार को बेवजह परेशानी का सामना करना पड़े। पीके का कहना था कि उनका जन्म बिहार के बक्सर जिले में हुआ था। प्रशांत किशोर का एक बेटा है। उनका कहना था कि मां की मौत के बाद सारा परिवार दिल्ली में रहता है, लेकिन लाइम लाइट से बहुत दूर।
गौरतलब है कि पीके 2014 में मोदी सरकार को सत्ता में लाने की वजह से वह चर्चा में आए थे। उन्हें एक बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता है। हमेशा से वह पर्दे के पीछे रहकर अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देते आए हैं। इसी वजह से उन्हें सबसे ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है।
प्रशांत किशोर की कंपनी का नाम है IPac। यह कंपनी विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति बनाने के लिए काम करती है। 2013 में, प्रशांत किशोर ने 2014 के आम चुनाव से पहले एक मीडिया और प्रचार कंपनी, सिटीजंस फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस भी बनाई थी।
आईपैक ने बिहार, पंजाब, दिल्ली, प. बंगाल चुनावों में भी चुनावी रणनीति बनाने का काम किया था। 2015 में उन्होंने नीतीश को चुनाव जीतने में मदद की। उसी के परिणाम स्वरूप उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया। बाद में प्रशांत किशोर को बिहार के कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया।