भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की संपत्ति पर कब्जे को लेकर प्रवर्तन निदेशालय और पंजाब नेशनल बैंक आपस में भिड़ गए। दोनों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करके आरोपी की जब्त की गई संपत्ति पर अपना अपना दावा पेश किया। दोनों का रवैया देख जस्टिस भी भड़क गए।

बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और गौरी गोड़से ने पंजाब नेशनल बैंक को तीखी फटकार लगाई। बेंच का कहना था कि नीरव मोदी ने बहुत बड़ी रकम का गोलमाल किया है। ये पब्लिक का पैसा है। लेकिन रकम की रिकवरी को लेकर बैंक को कोई चिंता ही नहीं है। बेंच के तेवर इतने तल्ख थे कि बैंक को लताड़ लगाते हुए कहा गया कि अगर कोई आम आदमी लोन लेता है और वापस नहीं चुका पाता तो बैंक कोई तरीका नहीं छोड़ता पैसे की रिकवरी के लिए। लेकिन नीरव मोदी ने जो पैसा हड़पा उसकी रिकवरी के लिए बैंक कोई कोशिश ही नहीं कर रहा है।

दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करेगा बैंक और ईडी

PNB की तरफ से पेश वकील ने बचाव करते हुए कहा कि बैंक को नहीं पता था कि ये सारा लोन अनाधिकृत है। कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक के साथ ईडी के वकील को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय देते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद की जाएगी।

500 करोड़ की प्रापर्टी पर है दोनों का दावा

पंजाब नेशनल बैंक के साथ ईडी ने नीरव मोदी की तकरीबन 500 करोड़ रुपये की उस संपत्ति पर अपना अपना दावा ठोका है जिसे कुछ अरसा पहले जब्त किया गया था। अक्टूबर 2022 के एक आदेश के तहत ईडी को छूट दी गई थी कि वो नीरव मोदी की 21 में से 12 संपत्ति पर कब्जा कर सकता है। पंजाब नेशनल बैंक ने आदेश को चुनौती देते हुए कहा कि इन 12 प्रापर्टी पर उसका हक है। लिहाजा ये उसके कब्जे में दी जाएं। दूसरी तरफ ईडी ने बाकी बची 9 संपत्तियों पर भी अपना दावा ठोका है। उसका कहना है कि वो इस मामले की इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी है। नीरव की कुल 48 संपत्ति हैं।

ईडी का कहना है कि बैंक का नीरव मोदी की संपत्तियों पर कोई सीधा दावा नहीं बनता। वो मामले की जांच कर रही है लिहाजा इन पर पहला हक उसका है। दूसरी तरफ बैंक का कहना है कि नीरव ने उसके पास से लोन लिया था। पैसा वापस नहीं होने से उसे बड़ा नुकसान हुआ है।