Stock Market Fraud: मुंबई के अंधेरी के 52 वर्षीय डॉक्टर का मोबाइल नंबर एक व्हाट्सएप ग्रुप में अचानक जोड़ दिया गया था, जिसमें उन्हें शेयर बाजार में अच्छा पैसा बनाने की सलाह दी गई थी, लेकिन अब चार महीने बाद इसी साइबर धोखाधड़ी के चलते 65.8 लाख रुपये का नुकसान हुआ। पिछले हफ़्ते उन्होंने मुंबई पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि फरवरी में डॉक्टर का मोबाइल नंबर एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘FIS FTPL क्रिएटर C1’ में जोड़ा गया था।
WhatsApp ग्रुप के एक सदस्य ‘चीफ एनालिस्ट करण बत्रा’ ने कथित तौर पर ग्रुप के सभी सदस्यों का इस संदेश के साथ स्वागत किया था। पुलिस को डॉक्टर द्वारा दी गई शिकायत के मुताबिक उस करण बत्रा ने निवेशकों को संस्थागत व्यापार के माध्यम से 50 प्रतिशत लाभ, आईपीओ, और एक निजी इक्विटी फंड में शेयरधारक बनने का अवसर दिया था। बत्रा ने अपनी टीम से ऑनलाइन मार्गदर्शन और मदद का आश्वासन दिया।
फर्जी स्टॉक मार्केट का ऐप कराया गया डाउनलोड
धोखाधड़ी करने वाले इन लोगों ने विश्वास हासिल करने के लिए डॉक्टर को फर्जी दस्तावेज पेश किए, जिसके वे बहकावे में आ गए। डॉक्टर नेअपनी शिकायत में कहा कि उन्हें यह ऑफर आकर्षक और लाभदायक लगा और बत्रा के निर्देशों के अनुसार उन्होंने मोबाइल ऐप ‘एफएफटीपीएल’ डाउनलोड किया। डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने अपनी जानकारी देकर ऐप पर अकाउंट बनाया।
उन्होंने बताया कि जब भी उन्होंने बत्रा और उनकी टीम के निर्देशों का पालन करते हुए पैसा लगाया, उन्हें लाभ हुआ और लाभ की राशि मोबाइल एप्लीकेशन में दिखाई गई। बता दें कि पुलिस को इस धोखाधड़ी के पीछे एक सुसंगठित और पेशेवर गिरोह के शामिल होने का संदेह है तथा संदेह यह भी है कि इस धोखाधड़ी के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों और कंपनियों के नामों का फायदा उठाया गया।
प्रतिष्ठित व्यक्तियों का करते हैं इस्तेमाल
धोखाधड़ी करने वाला समूह को लेकर शेयर बाजार साइबर सेल के एक अधिकारी ने बताया कि शेयर ट्रेडिंग साइबर धोखाधड़ी में आम तौर पर शेयर ट्रेडिंग उद्योग के प्रसिद्ध लोगों के नाम और फोटो का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि अगर कोई संभावित पीड़ित इंटरनेट पर उस व्यक्ति का नाम खोजे, तो उसे उस व्यक्ति के बारे में पर्याप्त विश्वसनीय जानकारी मिल जाए। इससे वे कहानी पर भरोसा कर लेते हैं और जाल में फंस जाते हैं।
पुलिस ने दर्ज कर लिया है केस
पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले समूह और उसके सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, जालसाजी, दस्तावेजों में जालसाजी, कंप्यूटर उपकरणों का उपयोग करके धोखा करने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।
इन स्कैम से कैसे बचें?
ज्यादा रिटर्न का लालच: अगर कोई आपको डिजिटल माध्यम से कल्पना से ज्यादा रिटर्न के लिए निवेश करने का ऑफर दे तो इस पर शक करना चाहिए और अच्छी खासी रिसर्च करनी चाहिए, तभी कोई कदम आगे भी बढ़ाने चाहिए।
फालतू के निवेश ऑफर से बचें: फोन पर कई तरह इन्वेस्टमेंट टिप्स आते हैं, जिन्हें लोगों को इग्नोर करना चाहिए। इन ऑफर्स को रिजेक्ट कर देना ही बेहतर है। यदि कोई फाइनेंशियल एडवाइजर आपके भरोसे में लेने की कोशिश करता है, तो उसे कहिए कि वह व्यक्तिगत तौर पर आपसे मिले, जिससे आप जालसाजी से बच सकते हैं।
वॉट्सऐप ग्रुप स्कैम : यदि कोई आपको किसी वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़े तो उससे तुरंत बाहर निकल जाना चाहिए और उसे ब्लॉक कर देना चाहिए।
दबाव में कतई न करें निवेश : इस तरह के ऑफर देने वाले स्कैमर ‘बहुत जल्दबाजी’ में रहते हैं, आपको उनकी जल्दबाजी के जाल में नहीं फंसना चाहिए, बल्कि पहले अच्छे से मंथन करना चाहिए।