महज 8 दिनों के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गईं सुनीता विलियम्स अभी भी वहीं फंसी हुई हैं। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस मामले में बड़ी अपडेट देते हुए बताया है कि वह अगले साल फरवरी में धरती पर वापस लौट सकती हैं। हालांकि वह किस यान से आएंगी अभी इस पर फैसला बाकी है। अगर सुनीता विलियम्स स्पेसएक्स के यान से वापस लौटती हैं तो उन्हें लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहना पड़ सकता है। यह अपने आप में काफी चुनौती भरा समय होगा। माइक्रोग्रैविटी के कारण उन्हें कई जोखिम का खतरा भी पैदा हो सकता है।
नासा ने पिछले दिनों कहा कि सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर को कम से कम 2025 के शुरुआत तक अंतरिक्ष में ही रहना होगा। बोइंग के स्टारलाइनर के बजाय स्पेसएक्स ड्रैगन का उपयोग करके पृथ्वी पर वापस आएंगे। दोनों ही यात्री क्रू फ्लाइट टेस्ट के लिए अंतरिक्ष में गए थे। इसके बाद उनके यान में खराबी आने के कारण वह उसमें फंस गए। अब दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा सकता है।
स्पेस एनीमिया का हो सकते हैं शिकार
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसका सबसे बड़ा कारण माइक्रोग्रैविटी है। अंतरिक्ष यात्रियों में एनीमिया की परेशानी भी तेजी से बढ़ती है। इसमें किसी भी व्यक्ति के शरीर में पृथ्वी की तुलना में लाल रक्त कोशिकाओं को तेजी से खत्म होती हैं। यह प्रति सेकंड दो मिलियन से बढ़कर तीन मिलियन प्रति सेकंड हो जाती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष में पहले 10 दिनों के अंदर खून में मौजूद लाल रक्त कोशिका (RBC) 10-12 फीसदी तक कम हो जाती हैं।
2022 में नचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष यात्रियों में एनीमिया की परेशानी के कारण कई तरह की परेशानी हो सकती है। इससे सीरम में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। वहीं ऑर्थोस्टेटिज्म की दिक्कत भी हो जाती है। इस रिसर्च को 14 अंतरिक्ष यात्रियों पर किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इन यात्रियों के पृथ्वी पर वापस आने के बाद इन पर एक अलग प्रभाव पड़ेगा। जिसमें लाल रक्त कोशिकाओं के खत्म होने की समस्या हो सकती है। वहीं हड्डियों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
5 जून को अंतरिक्ष में गईं थी सुनीता
बता दें कि सुनीता विलियम्स 5 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर गई थीं। तब उनकी यह यात्रा केवल 8 दिनों के लिए थी। हालांकि जिस यान से वह अंतरिक्ष में गई थी उसमें खराबी आने के कारण वह वापस नहीं लौट सकीं। उन्हें वापस लाने के लिए कई कोशिश की गई। यान की मरम्मत से भी कोई हल नहीं निकल सका। अब नासा उन्हें अगले साल फरवरी के आसपास पृथ्वी पर लाने की कोशिश में है।