चीन से सटी सीमा पर तैनात जवानों को सेना ने अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया है। LAC पर चीन के साथ लगातार चालबाजी की खबरों के बाद सेना इस इलाके में ना सिर्फ अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है बल्कि जवानों को भी घातक हथियार दिए गए हैं। हाल ही में जवानों को सिग सॉर सिग-716 असॉल्ट राइफल (Sig Sauer Sig-716 Assault Rifle), लाइट वेट रॉकेट लॉन्चर मार्क-4 और LMG से लैस किया गया है। इससे जवान दुश्मन के हर हमले को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं।
कितनी घातक है सिग सॉर राइफल?
Sig-716 अमेरिका और स्विट्जरलैंड में बनती है। यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल है। भारत ने पिछले साल 70 हजार राइफल्स के लिए 700 करोड़ रुपये में डील की थी। इससे पहले 2019 में 72 हजार से ज्यादा सिग सॉर असॉल्ट राइफल्स मंगाई गई थीं। इस राइफल्स को चीन और पाक से सटी सीमा पर तैनात जवानों को दिया जाना है। इस राइफल की खासियत के कारण ही इसे कश्मीर से आतंकियों के सफाए के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया।
स्नाइपर हमले में होता है इस्तेमाल
सिग सॉर राइफल लंबी रेंज का निशाना लगाने के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है। इसकी सटीकता 100 फीसदी है। इसी कारण इसका इस्तेमाल स्नाइपर हमले में भी किया जाता है। राइफल की कुल लंबाई 34.39 इंच है। इसका कुल वजन 3.58 किलोग्राम होता है। इसकी एक मैगजीन में 20 गोलियां आती हैं। इसके अलावा इसमें ऊपर एडजस्टेबल फ्रंट और रीयर ऑप्टिक्स लगा सकते हैं। इससे दूर बैठे दुश्मन को ढेर करने में मदद मिलती है। इसकी रेंज 600 मीटर तक होती है। इससे हर मिनट 685 राउंड फायर किए जा सकते हैं।