New Delhi Stampede Prayagraj Mahakumbh Snan Importance: राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो चुकी है। इस दर्दनाक हादसे के बाद एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं- आखिर क्यों लोगों को कुंभ जाने की ऐसी होड़ है? आखिर क्यों इतनी भीड़ प्रयागराज पहुंचना चाहती है? लोगों के बीच ऐसी चर्चा क्यों चल रही है- 144 सालों बाद फिर कुंभ लगेगा? इन सवालों के जवाब जानना जरूरी इसलिए है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में प्रयागराज में रिकॉर्ड भीड़ पहुंची है, ट्रेन हो, बस हो, या फिर कोई स्टेशन, हर जगह भारी भीड़ है।
अब जनसत्ता ने लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयागराज के पीठाधीश्वर स्वामी विमलेशाचार्य जी महाराज से खास बातचीत की है। उनसे जानने का प्रयास किया है कि क्या सभी को महाकुंभ जाना जरूरी है या फिर परिवार का एक सदस्य भी सभी के लिए पुण्य कमा सकता है? उनसे 144 साल वाले तर्क की भी पूरी सच्चाई समझी गई है।
पुराण में बताई गई है कुंभ की महिमा
श्री लक्ष्मी नारायण आश्रम, प्रयागराज के पीठाधीश्वर स्वामी विमलेशाचार्य जी महाराज ने बताया, “पद्म पुराण के पातालखंड में ‘शेषजी महाराज’ ने इस महत्त्वपूर्ण योग के बारे में उल्लेख किया है। जब प्रयागराज में लगने वाला 12 कुंभ पूरे हो जाते हैं, तब यह विशेष अमृत योग बनता है। इसे 144 वर्षों में एक बार का अवसर माना जाता है। इस योग के दौरान मकर संक्रांति से लेकर महाशिवरात्रि तक त्रिवेणी संगम में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।”
यह भी पढ़ें… Prayagraj Sangam Nose: अमृत तो सब जगह बरसा, संगम नोज पर जाने की क्यों होड़? श्रद्धालु न करें यह गलती
अमृत योग का क्या है धार्मिक महत्व
उन्होंने कहा, “त्रिवेणी संगम में स्नान करने से अमृत योग का पुण्य फल मिलता है। यह भी कहा गया है कि अगर प्रयागराज जाकर स्नान करना संभव न हो, तो संगम का जल लेकर उसे शरीर पर छिड़कने या सामान्य जल में मिलाकर स्नान करने से भी वही पुण्य लाभ प्राप्त होता है। इसका अर्थ यह है कि इस विशेष अवसर पर श्रद्धा और भक्ति के साथ किए गए हर कार्य से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ मिल सकता है।”
त्रिवेणी जल स्नान और उसका पुण्य
स्वामी विमलेशाचार्य जी महाराज ने कहा, “तीर्थयात्रा का उद्देश्य मन को शांति देना और तीर्थ के प्रति सम्मान, श्रद्धा और त्याग की भावना को बढ़ाना होता है। तीर्थराज प्रयागराज के भ्रमण से जो मानसिक शांति मिलती है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि घर में रहते हुए भी मन में पूरी श्रद्धा और आस्था हो, तो तीर्थ स्थान का नाम लेने और वहां के जल से स्नान करने पर भी वही पुण्य मिलता है।
“त्रिवेणी संगम में स्नान करने से अमृत योग का पुण्य फल मिलता है। यह भी कहा गया है कि अगर प्रयागराज जाकर स्नान करना संभव न हो, तो संगम का जल लेकर उसे शरीर पर छिड़कने या सामान्य जल में मिलाकर स्नान करने से भी वही पुण्य लाभ प्राप्त होता है।”

अमृत योग के दौरान त्रिवेणी जल को शरीर पर छिड़कने या ग्रहण करने से भी पूरा पुण्य फल मिलता है। यह योग समाप्त होने के बाद भी जो व्यक्ति प्रयागराज पहुंचकर त्रिवेणी संगम में स्नान करता है, वह भी पुण्य का भागी बनता है। इस पुण्य से न केवल स्वयं आस्थावान लाभान्वित होता है, बल्कि उसके प्रियजन भी सत्कर्मों के पुण्य को प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप इस बार प्रयागराज नहीं जा सकते हैं, तो संगम के जल को प्राप्त कर घर पर ही श्रद्धा से स्नान करें और इस विशेष योग का पुण्य लाभ उठाएं।
इस अमृत योग के कारण देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। प्रयागराज का कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा तीर्थ आयोजन है, और इस विशेष योग ने इसकी महत्ता को कई गुना बढ़ा दिया है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस योग में संगम स्नान करने से उन्हें मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलेगा।
यह भी पढ़ें… नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़, दर्द से चीखते दिखे घायल, कई लोगों की मौत, तस्वीरें देख दहल जाएगा दिल
महाकुंभ की ऐतिहासिकता हजारों वर्षों पुरानी है। धार्मिक ग्रंथों में इस मेले का उल्लेख मिलता है, जिसमें देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन से अमृत कलश की प्राप्ति की कथा प्रमुख है। यह कथा कुंभ के आयोजन का आधार है। कहा जाता है कि अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज के संगम पर भी गिरी थीं, जिससे यह स्थान अत्यंत पवित्र हो गया। भीड़ की भारी उमड़ को देखते हुए प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। संगम के तट पर विशेष स्नान घाट बनाए गए हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि हर श्रद्धालु को सुरक्षित माहौल में स्नान का पुण्य प्राप्त हो सके।
महाकुंभ का अमृत योग केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आत्मिक शांति, श्रद्धा और पुण्य लाभ का महान अवसर है। हर 144 साल में बनने वाले इस योग का महत्व हर श्रद्धालु के लिए अविस्मरणीय है। यह अवसर हर किसी को अपनी आध्यात्मिक यात्रा में एक नई ऊंचाई पर पहुंचने का मौका देता है।