Kiru Hydro Power Project: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के दिल्ली स्थित आवास और दफ्तर पर सीबीआई ने छापेमारी की है। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर में भी 30 ठिकानों पर रेड डाली है। यह पूरा मामला किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर प्रस्तावित किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2019 में 2200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क का कॉन्ट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है।

किरू हाईड्रो प्रोजेक्ट किश्तवाड़ तहसील में चिनाब नदी पर विकसित की जा रही एक रन-ऑफ-द-रिवर योजना है। इस परियोजना का विकास चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (सीवीपीपी) की तरफ से विकसित किया जा रहा है। यह नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी, 49%), जम्मू और कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेकेएसपीडीसी, 49%) और पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (पीटीसी, 2%) के बीच एक करार है।

सत्यपाल मलिक का नाम इससे कैसे जुड़ा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह छापेमारी साल 2019 में किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ी हुई है। सत्यपाल मलिक, जो 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें प्रोजेक्ट से संबंधित दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की गई थी।

यह पहली बार नहीं है कि किरू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट मामले में सत्यपाल मलिक के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की है। पिछले साल मई में भी इसी मामले में सीबीआई ने 12 जगहों पर छापेमारी की थी, जिनमें से एक सत्यपाल मलिक के पूर्व सहयोगी भी शामिल था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सत्यपाल मलिक के मीडिया सलाहकार रहे सौनक बाली के घर पर छापेमारी की थी।

इसमें यह आरोप हैं कि किरू परियोजना से संबंधित सिविल कार्यों के आवंटन में, ई-टेंडरिंग के संबंध में दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया। यह भी आरोप लगाया गया था कि सीवीपीपीपीएल की 47वीं बैठक में फैसला लिया गया था कि रिवर्स नीलामी के साथ ई-टेंडरिंग के माध्यम फिर से कॉन्ट्रैक्ट आवंटित किया जाएगा। लेकिन चल रही टेंडरिंग प्रक्रिया को रद्द करने के बाद, इसे लागू नहीं किया गया।