घर से बाहर रेस्टोरेंट्स और फूड कोर्ट में खाने का चलन बढ़ गया है लेकिन सोचिए कि कोई चीज माउथ फ्रेशनर के नाम पर दी जाए और उसे खाने पर मुंह से खून आने के साथ किसी की तबीयत इतनी ज्यादा खराब हो जाए कि उसे अस्पातल में भर्ती करना पड़े। यह सुनना काफी अजीब है लेकिन ऐसा हुआ है। गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट में 5 लोंगों ने डिनर के बाद माउथ फ्रेशनर के नाम पर कुछ ऐसा खा लिया कि उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसको लेकर बाद पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है जिसने सभी को हैरान कर दिया है।
इस मामले में गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार रात गुरुग्राम के एक रेस्तरां में माउथ फ्रेशनर बताई गई एक दवा धोखे में खा वेने पर पांच लोग गंभीर तौर पर बीमार पड़ गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के मुताबिक एक वेटर ने गलती से उन्हें माउथ फ्रेशनर के धोखे ड्राई आइस दे दी थी।
इस केस में सामने आया कि पांच लोगों का एक ग्रुप जिसमें नेहा सबरवाल, मनिका गोयनका, प्रितिका रुस्तगी, दीपक अरोडा और हिमानी शामिल थे, रात करीब साढ़े नौ बजे सेक्टर 90 के लाफोर्सस्टा कैफे में खाना खा रहे थे। उन्हें माउथ फ्रेशनर के धोखे ड्राइ आइस खिला दी गई।
वेटर ने खिला दी ड्राई आइस
इस मामले में शिकायत करने वाले उस पीड़ित ग्रुप के अंकित ने कहा कि उनके खाना खत्म करने के बाद, एक वेटर ने उन्हें माउथ फ्रेशनर की पेशकश की थी। उन्होंने बताया कि इसे खाने पर उन्हें अपने मुंह में जलन होने लगी थी। इसके मुंह से खून भी आने लगा था। अंकित ने कहा कि उन्होंने माउथ फ्रेशनर नहीं खाया था। उन्होंने कहा कि अपने साथियों की स्थिति देख हमने पूछा कि क्या खिलाया है तो वेटर एक खुला पॉलिथीन पैकेट दिखाया, जिसे मैंने अपने कब्जे में ले लिया।
क्या बोले रेस्तरां के मैनेजर?
इसके बाद अंकित ने पुलिस को फोन किया और अपने दोस्तों को सेक्टर 90 के आरवी अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की। इसके बाद फॉरेंसिंग जांच की गई तो सामने आया कि सच में वेटर ने माउथ फ्रेशनर के बजाए ड्राई आइस के दे दी थी, जो कि उनके लिए जानलेवा साबित हुई। वहीं रेस्तरां के मैनेजर गगन ने बताया कि यह घटना वेटर की लापरवाही के कारण हुआ है, पुलिस इस मामले में आगे कार्रवाई कर रही है।
क्या होती है ड्राई आइस?
अब सवाल यह उठता है कि आखिर ये ड्राई आइस क्या होता है, तो चलिए आपको इसके बारे में भी बता देंते हैं। बता दें कि ड्राई आइस एक तरह से कार्बन डाई ऑक्साइड का ठोस रूप होता है। यह बेहद ही ठंडी होती है। अगर घर वाली नॉर्मल बर्फ की बात करें तो उसका तापमान माइनस 2-3 होता है, लेकिन इसकी सतह का तापमान माइनस 80 डिग्री तक होता है, जो कि इसे खतरनाक बना देता है।
इसके अलावा यह भी बता दें कि ड्राई आइस आम बर्फ की तरह पिघलती नहीं है। इसे छूने से मना किया जाता है। अगर यह ज्यादा टंप्रेचर वाले इलाकों में रखी जाती है तो फिर पिघलकर पानी बनने की बजाय धुआं बनकर उड़ने लगती है और गैस में परिवर्तित हो जाती है।