Indian Armed Forces: गणतंत्र दिवस का चार दिनों तक चलने वाला समारोह का भव्य समापन बीटिंग द रिट्रीट के साथ होता है। यह समारोह 29 जनवरी को दिल्ली के विजय चौक रायसीना हिल पर आयोजित किया जाता है और इसमें तीनों सेनाओं के बैंड देशभक्ति की धुनें बजाते हैं। बीटिंग द रिट्रीट समारोह भारत में गणतंत्र दिवस समारोह का आधिकारिक समापन का प्रतीक होता है। यह परंपरा 17वीं शताब्दी में इंग्लैंड के राजा जेम्स द्वितीय द्वारा शुरू की गई थी, जब सूर्यास्त के समय युद्ध बंद करने का संकेत देने के लिए ड्रम बजाए जाते थे। भारत में इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने इसे विकसित किया।
इस समारोह में तीनों सेनाओं के बैंड पारंपरिक धुनें बजाते हैं और विजय चौक की ऐतिहासिक इमारतों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘सारे जहां से अच्छा’ धुन होती है, जो समापन पर बजाई जाती है। बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में सेना का शौर्य दिखता है।
आज के कार्यक्रम में क्या होगा?
29 जनवरी को दोपहर बाद में होने वाले इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि होंगी। उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे।
समारोह का समय और स्थान: शाम 4:45 बजे, विजय चौक, नई दिल्ली।
समारोह की शुरुआत: राष्ट्रपति के आगमन पर ‘राष्ट्रपति के अंगरक्षक’ (PBG) उन्हें राष्ट्रीय सलामी देंगे। इसके बाद राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ बजाया जाएगा।
प्रस्तुतियां: भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPF) के बैंड देशभक्ति की धुनें बजाएंगे।
प्रकाश शो: विजय चौक की ऐतिहासिक इमारतों को रंगीन रोशनी से सजाया जाएगा।
समापन: सूर्यास्त के समय झंडे उतारे जाएंगे और बैंड द्वारा अंतिम धुन ‘सारे जहां से अच्छा’ बजाई जाएगी।
बीटिंग द रिट्रीट का ऐतिहासिक महत्व
यह परंपरा 300 साल से भी अधिक पुरानी है। पहले युद्ध के दौरान सूर्यास्त के बाद बिगुल बजाकर युद्ध विराम की घोषणा की जाती थी और सैनिक अपने शिविरों में लौट जाते थे। आज भी यह परंपरा कई देशों में निभाई जाती है, जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।
भारत में यह समारोह केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध परंपराओं और इतिहास की झलक भी पेश करता है। यह हमें सेना के अनुशासन और गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है। प्रत्येक वर्ष, इस समारोह में नई धुनें जोड़ी जाती हैं और इसका दायरा बढ़ाया जाता है, जिससे यह और आकर्षक बनता जा रहा है।
बीटिंग द रिट्रीट केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि भारत की सैन्य विरासत और गणतंत्र की गरिमा का प्रतीक है। यह गणतंत्र दिवस समारोह का एक भव्य और भावनात्मक समापन करता है, जो हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण होता है।