दिल्ली पुलिस ने WFI के निर्वतमान अध्यक्ष और यूपी के कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ POSCO मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की है। दिल्ली पुलिस ने ये रिपोर्ट नाबालिग पहलवान के पिता द्वारा लगाए गए आरोपों को वापस लेने के बाद दाखिल की है। इस मामले में 4 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई होगी।

इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों द्वारा बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए यौन शौषण के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354, 354ए, 354डी के तहत अपराधों के लिए चार्जशीट दाखिल की गई है। इस चार्जशीट में WFI के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ IPC की धारा 109/354/354ए/506 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इस मामले में 22 जून को सुनवाई होगी।

आइए आपको बतातें हैं कैंसिलेशन रिपोर्ट और चार्जशीट में क्या अंतर होता है।

What is Cancellation Report: दिल्ली पुलिस ने मीडिया से बातचीत में बताया कि POSCO मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने Cr PC की धारा 173 के तहत शिकायतकर्ता यानी नाबालिग पीड़िता के पिता और स्वयं पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए एक पुलिस रिपोर्ट सब्मिट की है।

कब फाइल की जाती है कैंसिलेशन रिपोर्ट? – जब किसी मामले में पुलिस को सबूत नहीं मिलते या आरोप गलत पाए जाते हैं या यह निष्कर्ष निकलता है कि अपराध हुआ ही नहीं है तो तब पुलिस कोर्ट में कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल करती है। अगर कोर्ट पुलिस की रिपोर्ट से सहमत होता है तो वह मामले में जांच बंद करने का निर्णय ले सकता है। बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ POSCO वाले मामले में शिकायत करने वाले व्यक्ति ने अपना बयान वापस लिया है, ऐसे में उन्हें इस मामले में राहत की उम्मीद है।

What is a Chargesheet: किसी मामले में पुलिस अधिकारी द्वारा जांच पूरी करने के बाद दाखिल की जाने वाली फाइनल रिपोर्ट को ही चार्जशीट कहा जाता है। किसी भी मामले में पुलिस को 60 से 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी ही होती है। ऐसा न होने पर गिरफ्तारी अवैध मानी जाती है और आरोपी को जमानत का हक मिल जाता है। चार्जशीट को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं कराया जा सकता क्योंकि यह Evidence Act, 1872 की धारा 74 और 76 के तहत ‘सार्वजनिक दस्तावेज’ नहीं है।