पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच एक बार फिर से टकराव की स्थिति बन रही है। दरअसल राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति की उपाधि वाले पदों से राज्यपाल को हटाने के सुझाव पर रविवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के रुख को राज्यपाल ने अनुचित करार दिया। उन्होंने कहा, सीएम को आप कुलाधिपति और राज्यपाल भी बना दें।
रविवार को राज्य सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि बंगाल के मुख्यमंत्री को राज्य का राज्यपाल बनाया जाना चाहिए। जगदीप धनखड़ ने कहा, ”मुझे हैरानी है कि शिक्षा मंत्री ने मुझसे बात किये बिना कहा कि मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाया जाएगा।” इसे अनुचित कहते हुए राज्यपाल ने कहा, ” आप मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने के साथ ही उन्हें राज्यपाल भी बना दें।”
राज्य के शिक्षा मंत्री को लगाई फटकार: बता दें कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को राज्य स्तरीय विश्वविद्यायलों के कुलाधिपति की उपाधि वाले पदों से हटाने को लेकर सुझाव दिए जाने के कुछ ही दिन बाद रविवार को राज्यपाल धनखड़ ने दावा किया कि उन्हें बिना बताये ममता सरकार ने कई यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलरों की नियुक्ति की है। इसको लेकर गवर्नर धनखड़ ने राज्य के शिक्षा मंत्री को भी फटकार भी लगाई है।
उत्तर बंगाल के अपने सात दिवसीय दौरे पर पहुंचे जगदीप धनखड़ ने हवाई अड्डे पर कहा, शिक्षा मंत्री के बयान से मैं हतप्रभ हूं। उन्हें मुख्यमंत्री को कुलाधिपति बनाने का बयान देने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी।
गौरतलब है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने 18 दिसंबर को राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपतियों और कुलपतियों को 20 दिसंबर को होने वाली एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन कोरोना वायरस से बने हालात के बाद यह बैठक नहीं हो पाई। बता दें कि प्रधानमंत्री केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं जबकि किसी राज्य का राज्यपाल राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होता है।
केरल में भी था ऐसा मामला: इस महीने की शुरुआत में, केरल में भी राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के टकराव की स्थिति बनी थी। दरअसल आरिफ मोहम्मद खान ने सीएम को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों में कथित राजनीतिक नियुक्तियों पर निराशा व्यक्त की थी और बाद में कानून में संशोधन करने और खुद को चांसलर नियुक्त करने का आग्रह किया था।