पश्चिम बंगाल में तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या के आरोपी बीजेपी कार्यकर्ता की लाश रविवार को एक नहर से बरामद की गई। मृतक की पहचान काशीनाथ घोष (45) के रूप में हुई है। घोष की लाथ हुगली के गोघाट में स्थित एक नहर से बरामद की गई है। बीजेपी ने टीएमसी पर उनकी हत्या का आरोप लगाया है।

बीजेपी के आरामबाग संगठन जिला अध्यक्ष बिमान घोष ने कहा कि ‘काशीनाथ हमारी पार्टी के एक सक्रिय कार्यकर्ता थे। उन्हें टीएमसी के गुंडों ने मौत के घाट उतारा है।’ काशीनाथ घोष पर 22 जुलाई को टीएमसी कार्यकर्ता लालचंद बाग की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा था।। लालचंद की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। टीएमसी ने इस हत्या के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था।

घोष ने कहा ‘लालचंद की हत्या टीएमसी में आंतरिक संघर्ष का नतीजा थी। वह असली आरोपियों को बचाने के लिए हम पर आरोप लगा रहे हैं। हमारी पार्टी के 6 कार्यकर्ताओं को झूठे आरोपों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। और अब उन्होंने काशीनाथ को मार दिया। काशीनाथ ने अपने इलाके में बीजेपी संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी।’

हालांकि जिला टीएमसी अध्यक्ष दिलीप यादव ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है। उन्होंने कहा ‘हम हिंसा और मर्डर की राजनीति में विश्वास नहीं रखते। मैंने सुना है कि एक शख्स की लाश मिली है जिसे बीजेपी कार्यकर्ता बताया जा रहा है। पुलिस को मामले की जांच करने दीजिए। बीजेपी हर घटना के बाद हम पर आरोप लगाती रही है।’ वहीं गोघाट पुलिस स्टेशन अधिकारी समीर दे ने इस मामले पर कहा है कि ‘शुरुआती जांच में पता लगा है कि घोष के शरीर पर चोट के निशान हैं जो कि हत्या की तरफ इशारा कर रहे हैं।’

मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में हाल के दिनों में होने वाली ये पहली राजनीतिक हत्या नहीं है। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी कई कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले सामने आ चुके हैं। बीजेपी और टीएमसी हत्याओं के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाती रही है।