बुधवार को राजस्थान में हुए फाइटर प्लेन क्रैश में वायुसेना के दो पायलट बलिदान हो गए। दोनों पायलट्स की मौत की खबर ने उनके परिवारों को तोड़ दिया है। पाली जिले के रहने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह के चचेरे भाई हर्ष राज सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि यह खबर उनके परिवार को झटका देने वाली थी। हमने कभी उनके पिता को रोते हुए नहीं देखा।
हर्ष राज सिंह ने ANI को बताया कि ऋषि काफी यंग था और उसने अपना करियर शुरू ही किया था। वो पहले प्रयास में ही NDA में चुना गया था। वह काफी ब्राइट था। उसका नेचर काफी अच्छा और वो एक अच्छा भाई भी था।
एक महीने के बेटे को छोड़ गए रोहतक के लोकेंद्र
हरियाणा के रोहतक के रहने वाले स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र के बलिदान पर उनके बड़े भाई ज्ञानेंद्र ने कहा कि उन्होंने अपने देश के लिए एक सैनिक द्वारा दिया जा सकने वाला सर्वोच्च बलिदान दिया। वह देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए। उन्होंने नागरिकों को बचाते हुए अपनी जान दे दी।
ज्ञानेंद्र ने कहा, “मुझे और मेरे परिवार को उन पर बहुत गर्व है। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक महीने का बेटा, बहन, मां, पिता और दादा-दादी हैं। उनकी आखिरी छुट्टी 30 जून को हुई थी।”
उन्होंने बताया कि छुट्टी खत्म होने से उन्होंने परिवार के लोगों के साथ अपने बेटे का जन्मदिन मनाया था। इसके बाद उन्होंने एक जुलाई को री-ज्वॉइन कर लिया। ज्ञानेंद्र ने बताया कि हादसे से तीन दिन घंटे पहले उन्होंने लोकेंद्र से बातचीत की थी। इससे एक दिन पहले भी वीडियो कॉल पर बात हुई थी।
ज्ञानेंद्र ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि प्लेन में कुछ तकनीकी फॉल्ट था, जिस वजह से वह आबादी वाले एरिया पर क्रैश हो रहा था। दोनों पायलट्स प्लेन को दूर ले गए लेकिन इस दौरान प्लेन जमीन के काफी पास आ गया। जगुआर ट्रेनर प्लेन में अगर पास 500 फीट से नीचे चले जाते हैं तो आप इजेक्ट नहीं कर सकते। इसी वजह से दोनों पायलट प्लेन से इजेक्ट नहीं कर पाए।